
असम कैबिनेट ने राज्य की छह प्रमुख समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए बताया कि ताई अहोम, चुटिया, मोरान, मोटोक, कोच-राजबोंग्शी और चाय जनजाति (आदिवासी) समुदायों को यह दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव है।
इन समुदायों को ST दर्जा मिलने से उन्हें शिक्षा और रोजगार में आरक्षण सहित विभिन्न लाभ प्राप्त होंगे। यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में एक सराहनीय प्रयास माना जा रहा है।
अब यह रिपोर्ट असम विधानसभा में पेश की जाएगी और उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। तीन सदस्यीय मंत्रियों के समूह का नेतृत्व डॉ रणोज पेगू ने किया था।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह रिपोर्ट सभी की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेगी। इस प्रक्रिया में अब विधानसभा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
जनजातीय मामलों का विभाग इस रिपोर्ट को असम विधानसभा में भेजेगा और सदन के अध्यक्ष इसे चल रहे सत्र में पेश करने की अनुमति देंगे। सत्र के दौरान इस पर विस्तृत चर्चा होनी है।
कैबिनेट ने सरकारी मूगा फार्म की तीन बीघा जमीन के हस्तांतरण को भी मंजूरी दी है। यह जमीन हथकरघा, वस्त्र और रेशम विभाग से सांस्कृतिक मामलों के विभाग को स्थानांतरित की जाएगी।
इस जमीन पर एक अत्याधुनिक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा जो असम की विरासत वस्त्रों को संरक्षित और प्रदर्शित करेगा। यह संग्रहालय राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
जेएसडब्ल्यू आई एंड पी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किए जाने वाले इस संग्रहालय में वृंदावनी वस्त्र भी प्रदर्शित किया जाएगा। यह वस्त्र लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय से उधार लिया जाएगा।
कैबिनेट ने असम सर्वे और सेटलमेंट ट्रेनिंग सेंटर शिक्षक सेवा नियम 2025 को भी मंजूरी दी है। इन नियमों से शिक्षकों की भर्ती और सेवा शर्तों को विनियमित किया जाएगा।
ये नियम गुवाहाटी के डखिंगांव स्थित असम सर्वे एंड सेटलमेंट ट्रेनिंग सेंटर में शिक्षकों की कैरियर प्रगति को नियंत्रित करेंगे। इससे संस्थान के शैक्षणिक स्तर में सुधार की उम्मीद है।
सरकार के इन निर्णयों से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को गति मिलने की संभावना है। शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में ये फैसले दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं।
राज्य सरकार का यह प्रयास है कि सभी समुदायों का समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके। ST दर्जे का प्रस्ताव इसी दिशा में एक सार्थक पहल माना जा रहा है।
संग्रहालय की स्थापना से पर्यटन को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। यह परियोजना राज्य की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।










