
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंगलवार को अयोध्या में होने वाले ध्वजारोहण समारोह से पहले भगवान राम को एक काव्यात्मक श्रद्धांजलि अर्पित की। यह श्रद्धांजलि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की गई, जिसमें अयोध्या नगरी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित किया गया।
ट्रस्ट के पोस्ट में लिखा था, “कोसलपुरी की सुहावनी कंठ सरिताएं। भूपावली-मुकुटमणि नृपति जहां रघुबीर। सरयू नदी के तट पर बसी है अत्यंत मनोहर अयोध्यापुरी, जहां महीपालमंडली-मुकुटित राजा राम विराजते हैं।”
इस पोस्ट में आगे कहा गया, “सरयू नदी के किनारे स्थित है अतिसुंदर अयोध्या नगरी, जहां धरती के शासकों के मुकुटमणि राजा राम राज्य करते हैं।”
इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण उत्सव में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंच गया हूं!”
सुबह लगभग 10 बजे, प्रधानमंत्री सप्तमंदिर का दौरा करेंगे, जहां महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी से जुड़े मंदिर स्थित हैं। इसके बाद वह शेषावतार मंदिर जाएंगे।
लगभग 11 बजे, प्रधानमंत्री माता अन्नपूर्णा मंदिर के दर्शन करेंगे। इसके पश्चात वह राम दरबार गर्भ गृह में दर्शन और पूजा अर्पित करेंगे, फिर राम लला गर्भ गृह के दर्शन करेंगे।
दोपहर करीब 12 बजे, प्रधानमंत्री अयोध्या स्थित पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज फहराएंगे। यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है और सांस्कृतिक उत्सव एवं राष्ट्रीय एकता के नए अध्याय की शुरुआत करेगा।
प्रधानमंत्री इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे।
यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आयोजित किया जा रहा है। यह दिन श्री राम और माता सीता के विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त से मेल खाता है, जो दिव्य मिलन का प्रतीक है।
अयोध्या में यह ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह देशभर में उत्साह का वातावरण बना रहा है। भक्तों और नागरिकों में इस पवित्र घटना को देखने की उत्सुकता है।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण दशकों से चले आ रहे आंदोलन के बाद पूरा हो रहा है। यह मंदिर हिंदू धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बन गया है।
ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर परिसर में नए युग की शुरुआत हो रही है। यह घटना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पूरे देश से श्रद्धालु और पर्यटक इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और उत्सव का माहौल है।










