
बिहार में इस बार 14,000 से अधिक शतायु मतदाता मतदान करने वाले हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 100 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 14,000 मतदाता हैं।
ये मतदाता बिहार विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
हालांकि, 85 वर्ष और उससे अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। विशेष गहन संशोधन के बाद यह संख्या कम हुई है।
1 जनवरी को 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 16,07,527 थी। विशेष संशोधन के बाद यह घटकर 4,03,985 रह गई।
महिला मतदाताओं की संख्या में भी कमी आई है। 1 जनवरी को 3.72 करोड़ महिला मतदाता थीं, जो अब 3.49 करोड़ रह गई हैं।
पुरुष मतदाताओं की संख्या भी 4.07 करोड़ से घटकर 3.92 करोड़ हो गई है।
तीसरे लिंग की श्रेणी के मतदाताओं की संख्या भी कम हुई है। यह 2,104 से घटकर 1,725 रह गई है।
बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों के लिए चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को होगा।
चुनाव आयोग ने जिलेवार आयु डेटा या मृत्यु के कारण हटाए गए मतदाताओं का विवरण साझा नहीं किया है।
संशोधन से पहले बिहार में 7.89 करोड़ मतदाता थे। इस प्रक्रिया के दौरान 65 लाख नाम हटाए गए।
1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची में 7.24 करोड़ मतदाता थे। बाद में 3.66 लाख अयोग्य मतदाताओं को हटाया गया।
फॉर्म 6 आवेदनों के माध्यम से 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए। अब अंतिम आंकड़ा 7.43 करोड़ है।
यह संशोधन प्रक्रिया मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। नए आंकड़े अधिक सटीक मतदाता जानकारी प्रदान करते हैं।
बिहार में मतदाता सूची का यह अद्यतनीकरण महत्वपूर्ण है। यह चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ाता है।