
नई दिल्ली [भारत], 9 जुलाई (एएनआई) : भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) अभ्यास में महत्वपूर्ण प्रगति की सूचना दी है। पहले 15 दिनों में ही 57% से अधिक एन्यूमरेशन फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो देश भर में शुद्ध मतदाता सूची बनाए रखने के आयोग के संकल्प को दर्शाता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारतीय मतदाताओं के प्रति आयोग की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘भारत निर्वाचन आयोग अतीत में, वर्तमान में और भविष्य में हमेशा भारत के मतदाताओं के साथ रहा है।’ उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने में स्वच्छ मतदाता सूची के महत्व को रेखांकित किया।
बिहार में चल रहे SIR अभ्यास ने अच्छी गति दिखाई है। आज शाम 6:00 बजे तक 4.53 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म एकत्र किए गए, जो राज्य के कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं का 57.48% है। यह उपलब्धि 25 जुलाई, 2025 की समय सीमा से अभी 16 दिन पहले हासिल की गई है।
पिछले 24 घंटों में ही 83.12 लाख फॉर्म एकत्र किए गए, जो एक ही दिन में कुल लक्ष्य का 10.52% है। इस पहल की सफलता का श्रेय बिहार के मतदाताओं के उत्साही सहयोग और चुनाव अधिकारियों, स्वयंसेवकों तथा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.56 लाख बूथ लेवल एजेंटों (BLAs) के समर्पित प्रयासों को जाता है।
ECI के आंकड़ों के अनुसार, इस अभ्यास के लिए लगभग 7.90 करोड़ फॉर्म प्रिंट किए गए थे, जिनमें से 98% फॉर्म (7.71 करोड़) पहले 15 दिनों में ही मतदाताओं को वितरित कर दिए गए। SIR निर्देश 24 जून, 2025 को जारी किए गए थे।
आयोग ने अस्थायी रूप से पलायन कर चुके मतदाताओं के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। प्रतिनिधित्व जन अधिनियम 1950 की धारा 20(1A) के अनुसार, ये मतदाता आधिकारिक ECI वेबसाइट voters.eci.gov.in के माध्यम से पूर्व भरे हुए एन्यूमरेशन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
SIR दिशानिर्देशों के पैरा 3(डी) के तहत फॉर्म जमा करने के कई सुविधाजनक विकल्प दिए गए हैं। अस्थायी रूप से पलायन कर चुके मतदाता फॉर्म प्रिंट करके हस्ताक्षरित कर सकते हैं और उन्हें परिवार के सदस्यों या व्हाट्सएप जैसे ऑनलाइन माध्यमों से 25 जुलाई की समय सीमा से पहले जमा कर सकते हैं। इससे उनके नाम मसौदा मतदाता सूची में शामिल हो सकेंगे।
ECI का दावा है कि मैदानी स्तर पर इसी गति को बनाए रखते हुए और लगभग 42.5% फॉर्म शेष रहते हुए, एन्यूमरेशन फॉर्म एकत्र करने का कार्य 25 जुलाई, 2025 की निर्धारित तिथि से पहले ही पूरा किया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग इस अभ्यास पर लगातार नजर बनाए हुए है। संग्रह दर और प्रक्रियात्मक अनुपालन पर नियमित अपडेट के साथ आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि संशोधन प्रक्रिया सटीकता और समावेशिता के उच्च मानकों को बनाए रखे।