
भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हो गई है। इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अधिकांश उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया गया। सूत्रों के अनुसार अब कोई और केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक नहीं होगी।
बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि जनता के असंतोष का सामना कर रहे सत्तारूढ़ विधायकों को टिकट नहीं दिया जा सकता है। इस बार कई युवा चेहरों को मौका दिए जाने की संभावना है।
BJP की पहली उम्मीदवार सूची सोमवार को जारी होने की उम्मीद है। सूत्र बताते हैं कि NDA गठबंधन एकजुट है और सभी सहयोगी दल सीट-शेयरिंग व्यवस्था से संतुष्ट हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी सीट-शेयरिंग से खुश हैं। उनके बेटे को बिहार सरकार में एक महत्वपूर्ण विभाग का आश्वासन दिया गया है।
वहीं मांझी खुद केंद्र में एक बड़े मंत्रालय के लिए विचाराधीन हैं। इसी तरह राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा का नामांकन मिला है।
कुशवाहा पिछले चुनाव में हार के बावजूद NDA से राजनीतिक समर्थन प्राप्त करना जारी रखेंगे। इसके विपरीत महागठबंधन आंतरिक मतभेदों से जूझ रहा है।
ये मतभेद अब सार्वजनिक रूप से सामने आने लगे हैं। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस बैठक में मौजूद रहे। BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बैठक की अध्यक्षता की।
सुदा यादव, विनोद तावड़े, बीएस येदियुरप्पा जैसे वरिष्ठ नेता भी बैठक में शामिल हुए। दिनेश जायसवाल, लक्ष्मण, नित्यानंद राय ने भी चर्चा में भाग लिया।
सीआर पाटिल, धर्मेंद्र प्रधान और इकबाल सिंह लालपुरा ने भी अपने विचार रखे। सूत्रों ने बताया कि NDA की चुनाव रणनीति पर भी चर्चा हुई।
प्रचार योजना और प्रधानमंत्री मोदी की आगामी बिहार रैलियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। रविवार को बिहार BJP चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सीट-शेयरिंग की घोषणा की।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर NDA की सीट-शेयरिंग व्यवस्था का ऐलान किया। सीट-शेयरिंग समझौते के तहत BJP और नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड प्रत्येक 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को 29 सीटें आवंटित की गई हैं। जीतन राम मांझी के HAM और उपेंद्र कुशवाहा के RLM को छह-छह सीटें मिली हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए यह व्यवस्था NDA गठबंधन की ताकत को दर्शाती है। सभी दल मिलकर चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं।