
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं और सभी की नजरें सीएम पद के दावेदारों पर टिकी हैं। राज्य में एनडीए, इंडिया गठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है।
सी-वोटर के ताजा सर्वेक्षण ने मतदाताओं की पसंद के बारे में रोचक जानकारी दी है। सर्वे में 35 प्रतिशत लोगों ने तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री चुना।
हालांकि यह आंकड़ा फरवरी के मुकाबले 5 प्रतिशत कम है। फरवरी में 40 प्रतिशत मतदाता तेजस्वी को सीएम पद के लिए पसंद कर रहे थे।
नितीश कुमार की लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। फरवरी में 18 प्रतिशत मतदाताओं ने उन्हें चुना, जबकि अप्रैल में यह घटकर 15 प्रतिशत रह गया।
जून के पहले सप्ताह में नितीश कुमार की लोकप्रियता फिर से 18 प्रतिशत पर पहुंच गई। अगस्त में यह फिर गिरकर 14 प्रतिशत हो गई और सितंबर में 16 प्रतिशत पर पहुंची।
प्रशांत किशोर की लोकप्रियता में भी बदलाव देखने को मिला। फरवरी में 14 प्रतिशत मतदाता उन्हें पसंद कर रहे थे।
जुलाई में यह बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया और अगस्त में 21 प्रतिशत तक पहुंच गया। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव दर्शाता है।
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। विशेष गहन संशोधन के बाद यह सूची तैयार की गई है।
अंतिम सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। इससे पहले 24 जून को 7.89 करोड़ मतदाता थे।
विशेष गहन संशोधन के दौरान 47 लाख मतदाताओं को सूची से हटाया गया। यह एक बड़ी संख्या है जो चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
1 अगस्त को मसौदा सूची में 7.24 करोड़ मतदाता थे। इसमें से 3.66 लाख अयोग्य मतदाताओं को हटाया गया।
साथ ही 21.53 लाख नए पात्र मतदाताओं को सूची में शामिल किया गया। 30 सितंबर को जारी अंतिम सूची में 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज हैं।
बिहार चुनाव में मतदाता सूची में हुए इन बदलावों का असर नतीजों पर पड़ सकता है। नए मतदाताओं की पसंद चुनावी रुझानों को बदल सकती है।
सभी दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। मतदाताओं के बदलते रुझानों के साथ चुनावी मैदान गर्माया हुआ है।
तेजस्वी यादव, नितीश कुमार और प्रशांत किशोर की लोकप्रियता में हो रहे उतार-चढ़ाव से साफ है कि मतदाताओं की पसंद बदल रही है। आने वाले समय में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं।




