
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार को घोषणा की कि NDA का संकल्प पत्र बिहार को विकसित राज्य बनाने की दृष्टि से तैयार किया गया है। उन्होंने मनेर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यह दस्तावेज़ अगले पांच वर्षों के लिए उनका वादा है।
पासवान ने जोर देकर कहा कि इस दस्तावेज़ में पूरी रोडमैप शामिल है। उन्होंने बताया कि हर जिले में उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए LJP प्रमुख ने कहा कि महागठबंधन का काम अब व्यक्तिगत आरोपों तक सीमित रह गया है। उन्होंने तेजस्वी यादव की सरकारी नौकरियों की घोषणा पर सवाल उठाया।
पासवान ने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता ने फिर से NDA को लाने का मन बना लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी NDA के संकल्प पत्र की सराहना की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह दस्तावेज़ आत्मनिर्भर और विकसित बिहार की दृष्टि को प्रस्तुत करता है।
पीएम मोदी ने लिखा कि यह संकल्प पत्र किसानों, युवाओं और महिलाओं के जीवन को आसान बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य की डबल इंजन सरकार ने बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।
पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि उनके इन प्रयासों को जनता का पूरा समर्थन मिलेगा।
एनडीए के संकल्प पत्र को आज प्रमुख नेताओं ने संयुक्त रूप से जारी किया। इनमें केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य गठबंधन सहयोगी शामिल थे।
संकल्प पत्र में एक करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियों और रोजगार के अवसर प्रदान करने का वादा किया गया है। साथ ही हर जिले में मेगा स्किल सेंटर स्थापित करने की योजना है।
इसके तहत बिहार को ग्लोबल स्किल ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। स्किल्स सेंसस कराने का भी प्रस्ताव है।
महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का वादा किया गया है। इसका उद्देश्य महिलाओं की समृद्धि और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
गठबंधन नेता इस संकल्प पत्र को बिहार के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। उनका मानना है कि इससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह संकल्प पत्र चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा साबित होगा। इससे मतदाताओं तक गठबंधन की योजनाएं सीधे पहुंचेंगी।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सभी दल अपने-अपने एजेंडे के साथ मैदान में उतरे हैं।
NDA का यह संकल्प पत्र चुनावी बहसों में नया मोड़ ला सकता है। इससे विकास के मुद्दे चुनावी एजेंडे में प्रमुखता से शामिल होंगे।










