
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने शानदार सफलता हासिल की है। मुजफ्फरपुर जिले में NDA का प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा।
जिले की कुल 10 सीटों में से NDA ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की। केवल पारू सीट राष्ट्रीय जनता दल के हाथों में गई।
यह जीत NDA को बिहार में स्पष्ट बहुमत दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला गठबंधन अब सरकार बनाने के लिए तैयार है।
मुजफ्फरपुर में NDA के सदस्य दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा। BJP, जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी-राम विलास और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एकजुट होकर प्रतिद्वंद्वियों को हराया।
औराई विधानसभा क्षेत्र में BJP के रमा निषाद ने जीत हासिल की। उन्होंने VIP के भोगेंद्र साहनी को 57,206 मतों के अंतर से पराजित किया।
सकरा सीट पर JD-U के आदित्य कुमार ने कांग्रेस के उमेश कुमार राम को हराया। उनकी जीत का अंतर 15,000 से अधिक मतों का रहा।
कुर्हानी सीट पर BJP के केदार प्रसाद गुप्ता ने RJD के सुनील कुमार सुमन को पराजित किया। उन्होंने 9,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।
कांटी सीट पर JD-U के अजीत कुमार ने RJD के मोहम्मद इसराइल मनसूरी को हराया। उनकी जीत का अंतर 25,795 मतों का रहा।
बरूराज सीट पर BJP के अरुण कुमार सिंह ने VIP के राकेश कुमार को हराया। 26 राउंड की गिनती के बाद उनकी जीत 29,052 मतों के अंतर से सुनिश्चित हुई।
पारू सीट पर RJD के शंकर प्रसाद ने जीत दर्ज की। उन्होंने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के मदन चौधरी को 28,827 मतों के अंतर से पराजित किया।
मीनापुर सीट पर JD-U के अजय कुमार ने RJD के राजीव कुमार को हराया। 25 राउंड की गिनती के बाद 34,238 मतों के अंतर से जीत सुनिश्चित हुई।
बोचहां सीट पर बेबी कुमारी ने जीत हासिल की। उन्होंने RJD के अमर कुमार पासवान को 20,000 से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया।
गायघाट सीट पर JD-U के कोमल सिंह ने RJD के निरंजन रॉय को हराया। 30 राउंड की गिनती के बाद 23,417 मतों के अंतर से जीत सुनिश्चित हुई।
अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और BJP के शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हैं।
मुजफ्फरपुर में NDA की यह जीत पार्टी के संगठनात्मक ताकत को दर्शाती है। जिले के अधिकांश क्षेत्रों में गठबंधन ने मजबूत प्रदर्शन किया।
चुनाव परिणामों ने बिहार की राजनीति में NDA की मजबूत स्थिति को रेखांकित किया है। मुजफ्फरपुर में मिली जीत ने गठबंधन की सरकार बनाने की राह आसान की है।










