
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार परस ने घोषणा की कि उनकी पार्टी अगले बिहार विधानसभा चुनावों में अकेले चुनाव लड़ेगी। यह चुनाव नवंबर की 6 और 11 तारीख को दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। परस ने उम्मीद जताई कि पहले चरण में उनकी पार्टी अच्छी संख्या में सीटें जीतेगी।
पार्टी ने यह निर्णय महागठबंधन के साथ गठजोड़ बनाने की कोशिशों के निष्फल रहने के बाद लिया। परस ने कहा कि उन्होंने महागठबंधन के साथ गठबंधन बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए थे।
लेकिन यह गठबंधन संभव नहीं हो सका। अब पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
बिहार में दलित सेना के समर्थन से RLJP खुद को मजबूत बताती है।
चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर, चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने दावा किया कि NDA बिहार में एकजुट और समन्वित है। पासवान ने आंतरिक मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया।
उन्होंने विपक्षी महागठबंधन को भ्रमित गठबंधन बताया। पासवान ने कहा कि NDA ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही। पासवान ने कहा कि उनका NDA के किसी भी घटक दल के साथ मतभेद नहीं है।
NDA ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा अंतिम कर लिया है। BJP और जनता दल यूनाइटेड प्रत्येक 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह छह सीटें आवंटित की गई हैं।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने चुनाव के लिए छह उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की है।
SBSP ने NDA से कोई सीट नहीं मिलने पर असंतोष जताया था। पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
इससे पहले पार्टी ने 47 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।
कांग्रेस ने चुनाव के लिए 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश राम कुटुम्बा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान कडवा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में हैं।
कुल 48 उम्मीदवारों में से 24 पहले चरण में और 24 दूसरे चरण में चुनाव लड़ेंगे। शेष उम्मीदवारों के नाम बाद में घोषित किए जाएंगे।
बिहार की राजनीतिक रंगमंच पर विभिन्न दलों की रणनीतियाँ स्पष्ट हो रही हैं।