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राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा कि आगामी बिहार चुनावों में पार्टी को आवंटित छह सीटों से कई लोग निराश हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “यह फैसला हजारों-लाखों लोगों को दुखी करेगा,” जिसमें वे सहयोगी भी शामिल हैं जो चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे थे।
उन्होंने लोगों से पार्टी की सीमाओं और इस फैसले के पीछे की परिस्थितियों को समझने का आग्रह किया। कुशवाहा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं आप सभी से क्षमा मांगता हूं। सीटों की संख्या आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं हो सकी।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं समझता हूं कि यह निर्णय हजारों-लाखों लोगों को दुखी करेगा, जिनमें हमारी पार्टी के उम्मीदवार बनने की इच्छा रखने वाले सहयोगी भी शामिल हैं। आज, कई घरों में खाना नहीं बना होगा।”
कुशवाहा ने जोर देकर कहा कि वह यकीन रखते हैं कि लोग उनकी और पार्टी की मजबूरियों को समझेंगे। उन्होंने कहा कि हर फैसले के पीछे कुछ ऐसी परिस्थितियां होती हैं जो बाहर से दिखाई नहीं देतीं।
उन्होंने कहा, “आंतरिक परिस्थितियों की अनदेखी के कारण आपके दिलों में मेरे प्रति गुस्सा हो सकता है, जो स्वाभाविक भी है। मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि गुस्से को शांत होने दें।”
कुशवाहा ने कहा कि समय आपको खुद बताएगा कि यह फैसला कितना उचित या अनुचित है। उन्होंने कहा कि अभी के लिए इतना ही कहना है।
रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी बिहार चुनावों के लिए अपनी सीट साझाकारण योजना का खुलासा किया। भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
एलजेपी (राम विलास) 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह सीटें मिली हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को भी छह सीटें आवंटित की गई हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इसकी घोषणा की। बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए मतदान 6 नवंबर और 11 नवंबर को होना तय है।
मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी। यह चुनाव बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं।
सीट साझाकारण को लेकर विभिन्न दलों में चर्चा जारी है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता अपने समर्थकों से समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बयान में पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के मद्देनजर यही सर्वोत्तम फैसला था।
बिहार की जनता अब नवंबर में होने वाले चुनावों के लिए तैयार हो रही है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने घोषणापत्रों पर काम कर रहे हैं।
यह चुनाव बिहार के भविष्य की दिशा तय करेगा। हर पार्टी जीत के लिए पूरी तरह से तैयारी में जुटी हुई है।