
बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार की रात करीब 2 बजे सोशल मीडिया पर अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का चुनाव चिन्ह जारी किया। यह घोषणा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले की गई है।
नया चुनाव चिन्ह एक Blackboard है। इसे एक कैंपेन पोस्टर के साथ पेश किया गया जिसमें बदलाव के वादे किए गए हैं। पोस्टर पर लिखा था, ‘जन जन की शक्ति, जन जन का राज, बिहार का विकास करेंगे तेज प्रताप’।
तेज प्रताप ने अपने संदेश में कहा कि वे बिहार के पूर्ण विकास के लिए समर्पित हैं। उनका लक्ष्य व्यापक बदलाव लाना और एक नई व्यवस्था का निर्माण करना है।
यह कदम तेज प्रताप की स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश को दर्शाता है। उन्हें उनके पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निकाल दिया था।
तेज प्रताप ने कहा कि वे इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। उनकी यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब आरजेडी और उसके महागठबंधन सहयोगी आंतरिक मतभेदों से जूझ रहे हैं।
सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर गठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही है। तेजश्वी यादव को गठबंधन का नेता माना जा रहा है लेकिन सर्वसम्मति का अभाव है।
तेज प्रताप का यह समानांतर राजनीतिक रास्ता विपक्षी गठबंधन में उथल-पुथल को और बढ़ा सकता है। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे महुआ से चुनाव लड़ेंगे।
महुआ उनका पारंपरिक गढ़ रहा है। तेज प्रताप ने आरजेडी में वापसी की किसी भी संभावना से इनकार किया है। वे अपने छोटे भाई तेजश्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते रहे हैं।
तेज प्रताप का आरोप है कि पार्टी ने उन्हें हाशिए पर डाल दिया है। उनकी यह नई पहल बिहार की जटिल राजनीति में एक और चुनौती पेश करती है।
बिहार की जनता अब देखेगी कि इस नए चिन्ह ब्लैकबोर्ड को कितनी स्वीकृति मिलती है। आने वाले समय में राजनीतिक गणित और जनादेश स्पष्ट होगा।
चुनावी रणनीति और गठबंधन की राजनीति में यह नया मोड़ महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। तेज प्रताप का यह फैसला बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पारिवारिक विवादों से आगे बढ़कर है। इसके राज्य स्तर पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
बिहार की जनता के सामने अब और अधिक विकल्प होंगे। हर पार्टी अपना विकास एजेंडा पेश कर रही है।
तेज प्रताप की नई पार्टी किस तरह का प्रदर्शन करती है, यह देखना दिलचस्प होगा। चुनावी मैदान में सभी दावों की परीक्षा होगी।
बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अब सबकी नजरें चुनावी नतीजों पर होंगी।










