
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह बैठक राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद हुई है।
दोनों नेताओं के बीच यह बंद कमरे की बैठक लगभग आधे घंटे तक चली। इस दौरान बिहार के विकास और कानून व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा हुई।
सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में राज्य के गृह मंत्री का पदभार संभाला है। उन्होंने अमित शाह के साथ संवेदनशील और रणनीतिक मामलों पर बातचीत की।
केंद्र सरकार राज्य की आंतरिक सुरक्षा में गहरी दिलचस्पी ले रही है। इस बैठक को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। यह विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र में देखने को मिल सकता है।
सीमांचल क्षेत्र में किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया जिले शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार चौधरी को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ने बिहार चुनावों से पहले आयोजित विभिन्न सार्वजनिक सभाओं में सीमांचल क्षेत्र में घुसपैठ को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।
भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान घुसपैठियों को बाहर निकालने का वादा किया था। अब यह बैठक उसी दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।
राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए नई सरकार गंभीर दिख रही है। इस बैठक से स्पष्ट होता है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगी।
बिहार के मुद्दों पर केंद्र सरकार का ध्यान इस बैठक के माध्यम से स्पष्ट हो गया है। यह राज्य के विकास और सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
राजनीतिक हलकों में इस बैठक को लेकर काफी चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार आएगा।
सीमांचल क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को दूर करना नई सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
बैठक के बाद सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत नहीं की। हालांकि सूत्रों ने इस बैठक को सकारात्मक और उपयोगी बताया है।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच इस तालमेल से बिहार के विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है। सुरक्षा के मोर्चे पर भी सुधार देखने को मिल सकता है।













