
पटना, बिहार। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बिहार में मखाना उत्पादन के महत्वपूर्ण योगदान और कृषि विज्ञान को खेतों से जोड़ने के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला। पटना में किसानों, अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की सभा को संबोधित करते हुए मंत्री चौहान ने कहा कि बिहार मखाना उत्पादन में अग्रणी राज्य है।
चौहान ने कहा, “इस राज्य का ज्ञान और मेहनत का इतिहास अतुलनीय है। यह वही धरती है जिसने महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह को देखा, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी।”
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों को लाभदायक खेती की ओर ले जाने के संकल्प को दोहराया। पीएम-किसान योजना के तहत अब तक 3,77,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई है। इस अवसर पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि देश भर के लाखों किसान परिवारों को वित्तीय सहायता के रूप में उनके खातों में जमा की गई।
चौहान ने प्रधानमंत्री धन धन्य योजना जैसे प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि ये कृषि उत्पादकता बढ़ाने, विशेष रूप से कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में, महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बिहार में मखाना उत्पादन के योगदान और कृषि विज्ञान को खेतों से जोड़ने के प्रयासों को फिर से रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री ने उर्वरकों और कीटनाशकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाती है, जिसमें उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़ा जाता है। यह सरकार की किसान-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
किसान कल्याण के उपायों पर प्रकाश डालते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) की मदद से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सहायता सीधे किसानों के खातों में पहुंचे। उन्होंने कहा, “पहले किसानों को सरकार द्वारा भेजे गए 1 रुपये में से कुछ ही पैसे मिल पाते थे, लेकिन अब उन्हें पूरी राशि बिना किसी रुकावट के मिलती है।”