
बिहार के उपमुख्यमंत्री साम्राट चौधरी ने तारापुर विधानसभा सीट से शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने आरजेडी के अरुण कुमार को 45,843 वोटों के भारी अंतर से हराया। साम्राट चौधरी को कुल 1,22,480 मत प्राप्त हुए जबकि अरुण कुमार को 76,637 वोट मिले।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को तारापुर में बड़ा झटका लगा है। पार्टी के उम्मीदवार संतोष कुमार केवल 3,898 वोट ही प्राप्त कर सके। यह नतीजा पार्टी के लिए बड़ी निराशा लेकर आया है।
साम्राट चौधरी ने एक्स पर पोस्ट कर एनडीए की जीत का जश्न मनाया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत के लिए बधाई दी और कहा कि यह जीत बिहार के लिए ऐतिहासिक है।
उन्होंने लिखा, “इतनी भव्य और शानदार जीत, जो बिहार के लिए यादगार बन गई है। ऊर्जावान, उत्साही भाजपा कार्यकर्ताओं को आभार और बधाई।”
इस बीच, जेल में बंद जनता दल यूनाइटेड के नेता अनंत सिंह ने मोकामा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने 28,206 वोटों के अंतर से विजय प्राप्त की और 91,416 मत हासिल किए।
उनके प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की वीना देवी को 63,210 वोट मिले। वीना देवी सुरजभान सिंह की पत्नी हैं और इस चुनाव में उन्हें तीसरे स्थान पर रही जन सुराज पार्टी से भी चुनौती मिली।
जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पियूष 19,365 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। यह पार्टी के लिए एक और निराशाजनक परिणाम साबित हुआ।
अनंत कुमार सिंह को चुनाव से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पटना पुलिस ने उन्हें एक जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या मामले में गिरफ्तार किया था।
एनडीए बिहार में नया मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है। 2025 के चुनावों में गठबंधन ने 200 से अधिक सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है।
चुनाव आयोग के अनुसार, भाजपा ने 50 सीटें जीती हैं जबकि जेडीयू को 32 सीटों पर सफलता मिली। एलजेपी आरवी ने 6, एचएएम ने 1 और आरएलएम ने 1 सीट जीती है।
विपक्षी दलों में आरजेडी ने 7 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस को 1 सीट मिली। एआईएमआईएम ने 4 सीटें जीती हैं और सीपीआई एमएल एल तथा सीपीआई एम ने एक एक सीट पर जीत दर्ज की।
एनडीए की इस शानदार जीत का श्रेय भाजपा और जेडीयू के मजबूत प्रदर्शन को जाता है। चिराग पासवान की एलजेपी आरवी और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बिहार ने इस चुनाव में ऐतिहासिक 67.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया है। यह 1951 के बाद से सबसे अधिक मतदान है और इसमें महिला मतदाताओं ने पुरुषों से आगे रहते हुए 71.6 प्रतिशत मतदान किया।
पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 62.8 रहा। यह आंकड़ा बिहार की लोकतांत्रिक भागीदारी में नए अध्याय का प्रतीक है।
चुनाव परिणामों ने बिहार की राजनीतिक दिशा को नई राह दिखाई है। एनडीए की यह जीत राज्य के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत देती है।
सभी दलों ने चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई और मतदाताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। यह बिहार के लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है।










