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बिहार विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को उम्मीदवारों पर चर्चा की। पार्टी ने 25 उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया है। यह निर्णय महागठबंधन के साथ सीट साझाकरण वार्ताओं के बीच लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया। केंद्रीय चुनाव समिति की यह बैठक इंदिरा भवन में आयोजित की गई थी।
एआईसीसी के महासचिव के सी वेणुगोपाल और पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन ने भी बैठक में भाग लिया। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि सभी शीर्ष नेताओं ने चर्चा में सक्रिय भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि राज्य के नेताओं की बातों को धैर्यपूर्वक सुना गया। आज जिन सीटों पर चर्चा हुई, वे पहले से ही गठबंधन साझेदारों द्वारा स्वीकृत की जा चुकी हैं।
बिहार कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि परंपरागत रूप से कांग्रेस की मजबूत सीटें उनके पास ही रहेंगी। इन सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन विचार-विमर्श के बाद किया गया है।
हालांकि, उम्मीदवारों के नामों की घोषणा गठबंधन साझेदारों और राज्य के नेताओं से चर्चा के बाद ही की जाएगी। प्रत्येक साझेदार द्वारा लड़ी जाने वाली सीटों की संख्या संयुक्त रूप से घोषित की जाएगी।
राजेश राम ने कहा कि वे सीईसी बैठक में चर्चित सीटों से संतुष्ट हैं। सभी शीर्ष नेताओं ने राज्य के नेताओं के सुझावों और प्रस्तावित उम्मीदवारों को स्वीकृति दी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महागठबंधन साझेदारों के बीच सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। सभी साझेदारों के बीच स्पष्टता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।
बिहार विधानसभा में कांग्रेस के नेता शकील अहमद ने कहा कि सीईसी ने कांग्रेस की मजबूत सीटों को मंजूरी दे दी है। गठबंधन साझेदारों के साथ एक दौर की चर्चा अभी शेष है।
सीईसी सदस्य और किशनगंज सांसद मोहम्मद जावेद ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि पार्टी ने 25 उम्मीदवारों के नामों को मंजूरी दे दी है। यह चर्चा आरजेडी और वाम दलों के साथ सीट साझाकरण वार्ताओं के दौरान हुई।
बिहार विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी। आरजेडी के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन एनडीए सरकार को चुनौती देगा।
चुनाव प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। सभी दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चुनावी रणनीतियों पर चर्चा जोरों पर है।
कांग्रेस नेता गठबंधन सहमति पर जोर दे रहे हैं। वे चुनावी मैदान में एकजुट होकर उतरने की बात कह रहे हैं। सभी दल मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने में जुटे हैं।
बिहार की राजनीति में यह चुनाव महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। दोनों गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। जनता के सामने दोनों धड़ों के विकास के वादे होंगे।
चुनावी रणनीति और सीट वितरण पर अंतिम निर्णय जल्द ही आने की उम्माीद है। सभी दल अपने-अपने दावों को मजबूती से पेश करेंगे। राजनीतिक हलचल और तेज होगी।




