
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने दावा किया कि अब बिहारी होना राज्य के लोगों के लिए गर्व की बात बन गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबे पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि लोग 2005 से पहले के बिहार को नहीं भूल सकते। उस समय राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर थे।
उन्होंने कहा कि 2005 में सरकार बनने के बाद सबसे पहले कानून व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान दिया गया। अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 से पहले राज्य में पूरी तरह अराजकता थी। शाम छह बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल हो गया था।
उन्होंने बताया कि बहन बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। अपहरण एक उद्योग का रूप ले चुका था। शोरूम से वाहन लूटे जा रहे थे।
अपराधियों के डर से कोई नई गाड़ी खरीदना नहीं चाहता था। पैसे वाले लोग भी नए घर बनाने से कतराते थे।
व्यापारियों से उगाही के आतंक के कारण उद्योग और व्यवसाय बंद हो गए थे। डॉक्टर और इंजीनियर राज्य छोड़कर जा रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी। बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी। सत्ता में बैठे लोग सीधे अपराध को संरक्षण दे रहे थे।
राज्य के लोग डर के साये में जीने को मजबूर थे। उस समय बिहारी होना अपमान समझा जाता था।
नीतीश कुमार ने बताया कि पहले पुलिस के पास न तो वाहन थे और न ही हथियार। आधुनिक हथियारों की कमी के कारण पुलिस का मनोबल बहुत कम था।
2005 में बिहार में पुलिस स्टेशनों की संख्या केवल 817 थी जो अब बढ़कर 1380 से अधिक हो गई है।
नवंबर 2005 में नई सरकार बनने के समय बिहार पुलिस की संख्या काफी कम थी। उस समय केवल 42481 पुलिसकर्मी नियुक्त थे।
2013 से पुलिस बल में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए बिहार पुलिस में बड़ी संख्या में महिला कांस्टेबल भर्ती की गई हैं।
ट्राइबल वूमेंस प्राइड बटालियन का गठन किया गया। बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी अब देश में सबसे अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में राज्य के लोगों ने तय किया था कि वे बिहार को विकास के पथ पर आगे बढ़ते देखना चाहते हैं।
2005 का साल बिहार के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। आज बिहार न्याय के साथ विकास कर रहा है। युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं और उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।
नया बिहार उद्योगों वाला राज्य बन गया है। राज्य समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। बिहार के लोग कभी भी उस अराजकता के दौर में वापस नहीं जाएंगे।
बिहार में विधानसभा चुनाव छह और ग्यारह नवंबर को दो चरणों में होंगे। चुनाव परिणाम चौदह नवंबर को घोषित किए जाएंगे।










