
तेलंगाना भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विदेशी धरती का इस्तेमाल कर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे राष्ट्र विरोधी बताया।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एन वी सुबhash ने कहा कि राहुल गांधी लगातार विदेशों में जाकर देश की संवैधानिक संस्थाओं पर कीचड़ उछाल रहे हैं। उन्होंने इस तरह के व्यवहार को देशद्रोही करार दिया।
राहुल गांधी ने कोलंबिया की EIA यूनिवर्सिटी में एक इंटरैक्शन के दौरान कहा था कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। उन्होंने मोदी सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया।
भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी और सैम पित्रोडा पर पाकिस्तान का बचाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पित्रोडा का पाकिस्तान में सुरक्षित महसूस करने का बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
सुबhash ने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों को इस तरह के बयानों का विरोध करना चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी को प्रोपेगैंडा का नेता करार देते हुए कड़ी आपत्ति जताई।
भाजपा नेता ने कहा कि विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी का कर्तव्य था कि वे संसद में सरकार की नीतियों पर बहस करते। लेकिन उन्होंने देश को बदनाम करने के एजेंडे के साथ विदेश यात्रा की।
सुबhash ने राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी के दावे सही हैं तो उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में 99 सीटें कैसे जीत पाई।
भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी से बेहतर निर्णय लेने और राष्ट्र हित में काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को अगर भारत को अपनी कर्मभूमि मानते हैं तो देश के कानूनों और संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए।
सुबhash ने चेतावनी देते हुए कहा कि अदालतें द्वितीय नागरिकता और चुनावी पात्रता से जुड़े मामलों पर संज्ञान ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि लंबित मामलों में कानूनी कार्रवाई होनी तय है।
भाजपा ने विकसित भारत के निर्माण के अपने संकल्प को दोहराया। पार्टी ने सभी जिम्मेदार नेताओं से राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध कार्यों से बचने की अपील की।
पार्टी ने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों से राष्ट्र विरोधी बयानबाजी पर अंकुश लगाने का आग्रह किया। भाजपा ने कहा कि देश की छवि खराब करने वाले किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। दोनों पक्ष अपने अपने तर्कों से स्थिति को स्पष्ट करने में जुटे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले दिनों में और गर्मा सकता है। दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
जनता इस पूरे प्रकरण पर गंभीरता से विचार कर रही है। लोगों की राय विभाजित है कि कौन सा पक्ष सही है और कौन गलत।
भविष्य में इस मामले के और विकसित होने की संभावना है। राजनीतिक हलकों में इस पर निरंतर चर्चा जारी है।