
ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने बुधवार को अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा शुरू की। यह दौरा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की समीक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित होगा।
अल्कमिन ब्राज़ील के विकास, उद्योग, व्यापार और सेवा मंत्री भी हैं। वह गुरुवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल के साथ व्यापार मंत्री स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
ब्राज़ील उपराष्ट्रपति के साथ कैबिनेट मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल के आने की उम्मीद है। यह प्रतिनिधिमंडल द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दे सकता है।
बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली में अल्कमिन से मुलाकात करेंगे। इस वार्ता में ब्राज़ील के रक्षा मंत्री जोस मूसियो मोंटेरो फिल्हो भी मौजूद रहेंगे।
दोनों देशों के नेता रक्षा क्षेत्र में बहुआयामी संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करेंगे। वे सैन्य से सैन्य और रक्षा औद्योगिक सहयोग जैसे आपसी हित के क्षेत्रों पर भी विचारों का आदान प्रदान करेंगे।
अल्कमिन उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों में आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।
ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति भारत ब्राज़ील व्यापार मंच में भाग लेंगे। वे अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का भी दौरा करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार ब्राज़ील दक्षिण अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। प्रधानमंत्री मोदी की हालिया ब्राज़ील यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मंत्री स्तरीय समीक्षा तंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई थी।
दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों के लिए द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य 20 अरब डॉलर निर्धारित किया है। अल्कमिन की यात्रा इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में भारत ब्राज़ील व्यापार निगरानी तंत्र की सातवीं बैठक संपन्न हुई थी। इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा हुई थी।
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और ब्राज़ील के विदेश व्यापार सचिव तातियाना लैसेर्डा प्राजेरेस ने इस बैठक की सह अध्यक्षता की थी। राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इस बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े मामलों पर विस्तार से चर्चा की।
चर्चा में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों की समीक्षा, भारत मर्कोसुर पीटीए का विस्तार, बाजार पहुंच मुद्दे और वीजा मुद्दे शामिल थे। फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य सेवा, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, एमएसएमई, बैंकिंग और वित्त जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर भी बातचीत हुई।
जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राज़ील यात्रा के दौरान ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ हुई बैठक में यह लक्ष्य तय किया गया था। दोनों नेताओं ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर सहमति जताई थी।
ब्राज़ील लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2024 25 में द्विपक्षीय व्यापार 12.19 अरब डॉलर रहा।
भारत के निर्यात की कहानी अब एक नए मोड़ पर है। अमेरिका जहां एक महत्वपूर्ण साझेदार बना रहेगा, वहीं नीदरलैंड्स, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील और मैक्सिको जैसे देशों को निर्यात में असाधारण वृद्धि दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि भारत अब एक ही बाजार पर निर्भर नहीं है।
दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग से वैश्विक व्यापार में नई गतिशीलता आने की उम्मीद है। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर प्रदान करती है।