
पुणे (महाराष्ट्र) में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने दक्षिणी कमांड के मुख्यालय का दौरा किया। यहां उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी इन सी) के साथ विस्तृत परिचालन चर्चा की।
सीडीएस चौहान ने दक्षिणी कमांड के अंतर्गत आने वाली फॉर्मेशन्स की पेशेवर क्षमता और परिचालन कुशलता की सराहना की। उन्होंने हाल के मिशन जैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच बेहतरीन समन्वय की भी तारीफ की।
हैडक्वार्टर्स इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) ने एक पोस्ट में बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल सेठ ने सीडीएस को दक्षिणी कमांड थिएटर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति, परिचालन तत्परता और लॉजिस्टिक्स तथा प्रशासन के प्रमुख पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरे के दौरान अधिकारियों को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने गैर पारंपरिक और असममित खतरों से उत्पन्न बढ़ती चुनौतियों के बारे में बात की, खासकर मौजूदा अप्रत्याशित वैश्विक परिस्थितियों में।
चौहान ने जोर देकर कहा कि आधुनिक युद्ध तकनीक से तेजी से प्रभावित हो रहा है, चाहे वह जमीन, समुद्र, हवा, अंतरिक्ष या साइबर डोमेन हो। उन्होंने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए सेवाओं के बीच मजबूत सहयोग और इंटेलिजेंस, सर्विलांस और साइबर क्षमताओं में अधिक निवेश की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
सीडीएस ने तेजी से बदलते सामरिक संदर्भ में त्वरित अनुकूलन की महत्वता को रेखांकित किया और निरंतर नवाचार, संयुक्तता को बढ़ावा देने तथा साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम के अंत में जनरल चौहान ने दक्षिणी कमांड की टीम को उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए बधाई दी।