
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह लातूर, महाराष्ट्र में उनके निवास पर निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे।
उनका जन्म 12 अक्टूबर, 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकुर गांव में हुआ था। भारतीय राजनीति में वह एक ऐसे शख्सियत के रूप में याद किए जाएंगे जिनके पास लंबा और प्रतिष्ठित करियर रहा।
उन्होंने संसद, केंद्र सरकार और राज्य विधानसभाओं में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के रूप में उन्होंने लोकसभा के 10वें अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
चार दशक से अधिक के सार्वजनिक जीवन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पद संभाले। शिवराज पाटिल ने राष्ट्रीय राजनीति में 1980 में कदम रखा जब वह पहली बार सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए।
उन्होंने 2004 तक लगातार सात बार इस सीट को अपने पास रखा। 1980-1990 की अवधि के दौरान उन्होंने संसद सदस्यों के वेतन और भत्तों की संयुक्त समिति में सेवा दी।
बाद में वह इस समिति के अध्यक्ष भी बने। संसद में उनका कार्यकाल विभिन्न मंत्रालयों में व्यापक कार्य से चिह्नित रहा।
उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में रक्षा, वाणिज्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष और महासागर विकास, बायो-टेक्नोलॉजी, कार्मिक और प्रशिक्षण, लोक शिकायत और पेंशन, प्रशासनिक सुधार, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन और पर्यटन जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाली।
सांसद की भूमिका के अलावा, उन्हें 2004 से 2008 तक केंद्रीय गृह मंत्री नियुक्त किया गया था। 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद, उन्होंने 30 नवंबर, 2008 को सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था।
2010 से 2015 के बीच, पाटिल ने पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में कार्य किया। इससे सार्वजनिक प्रशासन में उनके योगदान का दायरा और बढ़ गया।
उन्हें आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटेरियन अवार्ड शुरू करने का श्रेय भी दिया जाता है। यह पुरस्कार उत्कृष्ट संसदीय प्रदर्शन को सम्मानित करने के उद्देश्य से दिया जाता है।
राष्ट्रीय राजनीति में प्रमुखता हासिल करने से पहले, पाटिल महाराष्ट्र विधान सभा के दो बार सदस्य रहे। उनका यह कार्यकाल 1972 से 1979 तक रहा।
इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक उपक्रम समिति के अध्यक्ष, कानून और न्यायपालिका, सिंचाई और प्रोटोकॉल के उपमंत्री और बाद में महाराष्ट्र विधान सभा के उपसभापति और अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद संभाले।
शिवराज पाटिल का निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। उनके योगदान और विरासत को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।










