
Congress scramble over star campaigners
बिहार विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनी स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इस सूची में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे शीर्ष नेता शामिल हैं।
चुनाव अभियान की शुरुआत राहुल गांधी बुधवार से करेंगे। पहले दो चरणों के लिए जारी इस सूची पर पार्टी के भीतर असंतोष की आवाजें उठ रही हैं।
सूत्रों के अनुसार कई वरिष्ठ नेताओं को इस सूची से बाहर रखा गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जयराम रमेश, मनीष तिवारी और शशि थरूर जैसे नेता सूची में शामिल नहीं हैं।
राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी को भी स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिली। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ये नेता राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं के पास मजबूत संचार कौशल है और वे सभी वर्गों में सम्मानित हैं। ऐसे नेताओं की अनुपस्थिति गलत संदेश भेजती है।
सूची तैयार करने में केंद्रीय चुनाव समिति और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मिलकर काम किया। समिति का लक्ष्य वरिष्ठ नेतृत्व और क्षेत्रीय प्रभाव वाले युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाना था।
एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि जमीन पर सक्रिय नेताओं पर जोर दिया गया। ऐसे नेता जो युवाओं और स्थानीय मतदाताओं से सीधे जुड़ सकें।
हालांकि पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि वर्षों के राजनीतिक कार्य से बनी विश्वसनीयता और अनुभव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
सूची में कुल 40 स्टार प्रचारक शामिल हैं। पार्टी ने इसे गुरुवार को जारी किया था।
बिहार की विविध मतदाता जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए यह सूची तैयार की गई है। पार्टी युवा और स्थानीय नेताओं के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचना चाहती है।
लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं के बाहर रहने से पार्टी में मनमुटाव की स्थिति बन गई है। यह मामला पार्टी के भीतर चर्चा का विषय बना हुआ है।
चुनाव प्रचार की रणनीति को लेकर पार्टी के भीतर मतभेद सामने आए हैं। सभी वर्गों को साथ लेकर चलना पार्टी के लिए चुनौती बन गया है।
बिहार चुनाव में कांग्रेस की तैयारियों पर यह विकास नई बहस छेड़ रहा है। पार्टी के भीतर की यह चर्चा चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
स्टार प्रचारकों की सूची पर यह विवाद पार्टी की एकजुटता के लिए परीक्षा का समय लेकर आया है।










