Criminal Justice Season 4 Review

Criminal Justice
Criminal Justice का चौथा सीज़न एक और भावनात्मक, गंभीर और सोचने पर मजबूर कर देने वाली कहानी लेकर आया है। इस बार कहानी एक किशोर अपराधी (juvenile accused) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिस पर एक हाई-प्रोफाइल मर्डर का आरोप लगता है। वकील माधव मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) इस केस को संभालते हैं, और फिर से यह साबित करते हैं कि वो केवल एक वकील नहीं, बल्कि न्याय के सच्चे रक्षक हैं।
पंकज त्रिपाठी की सादगी और तीखी समझ उनके किरदार को बेहद प्रभावशाली बनाती है। उनका अंदाज़, कोर्टरूम में की गई बहस और क्लाइंट से जुड़ाव – सबकुछ बेहद स्वाभाविक और सशक्त लगता है। सीरीज में कोर्ट की कार्यवाही बहुत वास्तविक लगती है, और कई बार ऐसा लगता है जैसे हम किसी असली केस की सुनवाई देख रहे हों।
इस सीजन की खास बात यह है कि यह सिर्फ कानून तक सीमित नहीं रहता, बल्कि जुवेनाइल जस्टिस सिस्टम, मीडिया ट्रायल, और मानसिक तनाव (emotional trauma) जैसे गहरे मुद्दों को भी सामने लाता है। किशोर का किरदार निभाने वाले अभिनेता ने भी शानदार अभिनय किया है, जो दिल को छू जाता है।
रेटिंग: 4/5
Criminal Justice season 4 एक दमदार, संवेदनशील और विचारोत्तेजक सीरीज है, जिसमें न्याय, भावना और नैतिकता का गहरा मिश्रण है। अगर आप सच्चे और प्रभावशाली कोर्टरूम ड्रामा देखना पसंद करते हैं, तो यह सीजन ज़रूर देखें।
रोहन सिप्पी का निर्देशन संतुलित है – न ज़रूरत से ज़्यादा ड्रामा, न ही बोरियत। लेखकों ने कहानी को कसावट के साथ लिखा है और हर मोड़ पर दिलचस्प बनाए रखा है। हाँ, कुछ जगह कोर्ट के दृश्य थोड़े जल्दी खत्म हो जाते हैं और कुछ सबप्लॉट्स को और गहराई मिल सकती थी। लेकिन कुल मिलाकर, यह सीरीज आपको सोचने पर मजबूर करती है कि – क्या हर अपराध की सजा ही अंतिम रास्ता है, या सुधार का भी एक मौका होना चाहिए?