
मध्य प्रदेश में Coldrif खांसी की दवा से जुड़ी 20 बच्चों की दुखद मौतों के बाद भारतीय औषधि नियंत्रक महानिदेशक ने सख्त कदम उठाए हैं। DCGI डॉ. राजीव सिंह राघववंशी ने 7 अक्टूबर को जारी पत्र में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दवा नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
इस पत्र में नई सामग्रियों के परीक्षण के महत्व पर जोर दिया गया है। DCGI ने कहा कि फार्मास्यूटिकल उत्पादों के निर्माण से पहले एक्सिपिएंट्स सहित कच्चे माल का परीक्षण अनिवार्य है।
यह निर्देश छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश में हुई बच्चों की मौतों के बाद आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये मौतें दूषित खांसी की दवाओं से जुड़ी हैं।
निरीक्षण के दौरान अनुपालन में कमियां देखी गई हैं। कुछ निर्माता उत्पादन से पहले कच्चे माल और निष्क्रिय सामग्रियों का पर्याप्त परीक्षण नहीं कर रहे थे।
DCGI ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि निरीक्षण रिपोर्ट्स में यह देखा गया कि निर्माता प्रत्येक बैच का परीक्षण नहीं कर रहे हैं। वे निर्धारित मानकों का सत्यापन किए बिना ही सामग्रियों का उपयोग कर रहे हैं।
इस प्रणालीगत विफलता को दूर करने के लिए DCGI ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। हर लाइसेंसधारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि कच्चे माल का परीक्षण उनकी अपनी प्रयोगशाला या स्वीकृत प्रयोगशालाओं में किया जाए।
ऐसे सभी परीक्षणों के विस्तृत रिकॉर्ड अनुसूची U के तहत बनाए रखने होंगे। यह कदम दवा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
DCGI ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के दवा नियंत्रकों को निर्देश दिए हैं। उन्हें निरीक्षण के दौरान निगरानी करनी होगी और निर्माताओं को सर्कुलर के माध्यम से जागरूक करना होगा।
निर्माताओं को एक मजबूत विक्रेता योग्यता प्रणाली स्थापित करनी होगी। उन्हें केवल विश्वसनीय और स्वीकृत विक्रेताओं से ही कच्चा माल खरीदना होगा।
इस बीच, मध्य प्रदेश पुलिस ने तमिलनाडु स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी के मालिक एस रंगनाथन को गिरफ्तार किया है। यह कंपनी Coldrif खांसी की दवा का निर्माण करती थी।
छिंदवाड़ा एसपी के अनुसार, रंगनाथन को चेन्नई कोर्ट में पेश किया जाएगा। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उन्हें छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बुधवार को जानकारी दी कि 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। पांच बच्चे अभी भी इलाज करा रहे हैं।
इन 20 बच्चों में से 17 छिंदवाड़ा जिले के हैं। दो बच्चे बैतूल जिले से हैं और एक पंधुरना जिले से है।
यह घटना दवा सुरक्षा मानकों के महत्व को रेखांकित करती है। DCGI के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना जरूरी है।
दवा निर्माण प्रक्रिया में गुणवत्ता परीक्षण का सही तरीके से पालन होना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसी दुखद घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।










