
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार को और खराब हो गई। सुबह 8 बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 413 दर्ज किया गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। यह स्थिति ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तीसरे चरण के लागू रहने के बावजूद देखी गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। दिल्ली के अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशनों ने 400 से अधिक का AQI दर्ज किया।
वज़ीरपुर सबसे खराब स्थिति में रहा। यहाँ AQI 459 तक पहुंच गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। वहीं एनएसआईटी द्वारका स्टेशन पर 215 AQI दर्ज किया गया।
अलीपुर में AQI 431, आनंद विहार में 438 और अशोक विहार में 439 रहा। आया नगर 405, बवाना 451 और बुराड़ी क्रॉसिंग 439 पर रहा।
चांदनी चौक का AQI 449 तक पहुंचा। डॉ करनी सिंह शूटिंग रेंज 429, द्वारका सेक्टर-8 422 और आईटीओ 433 पर रहा। जहांगीरपुरी 446, जेएलएन स्टेडियम 422 और मुंडका 442 दर्ज किया गया।
नरेला 437, नेहरू नगर 440 और ओखला फेज-2 में 418 AQI रहा। पटपड़गंज 436, पंजाबी बाग 437 और आरके पुरम 432 पर रहा। रोहिणी 442, सिरीफोर्ट 403 और सोनिया विहार 434 AQI दर्ज किया गया।
कुछ क्षेत्रों में स्थिति थोड़ी बेहतर रही। डीटीयू दिल्ली में AQI 373 रहा, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। आईजीआई एयरपोर्ट टी3 पर 395 और आईएचबीएएस दिलशाद गार्डन पर 307 AQI दर्ज किया गया।
लोधी रोड 309, नजफगढ़ 384 और शादीपुर 392 AQI पर रहा। ये सभी बहुत खराब श्रेणी में आते हैं।
सीपीसीबी के वर्गीकरण के अनुसार, 0-50 AQI अच्छा माना जाता है। 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम और 201-300 खराब श्रेणी में आता है। 301-400 बहुत खराब और 401-500 खतरनाक श्रेणी मानी जाती है।
वायु गुणवत्ता में तेज गिरावट के मद्देनजर CAQM ने GRAP के तहत Stage III प्रतिबंध लागू किए हैं। यह प्रतिबंध पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लागू हैं।
CAQM की उप-समिति ने यह कदम तब उठाया जब दिल्ली का AQI सोमवार को 362 से बढ़कर मंगलवार सुबह 425 हो गया। शांत हवाएं और प्रतिकूल मौसम स्थितियों को इसका मुख्य कारण बताया गया।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि कक्षा 5 तक के स्कूल हाइब्रिड मोड में चलेंगे। इससे बच्चों को जहरीली हवा के संपर्क में आने से बचाया जा सकेगा।
दिल्ली और एनसीआर में AQI कई दिनों से खराब, बहुत खराब और खतरनाक श्रेणियों में बना हुआ है। यह स्थिति लगातार बनी हुई है।
पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 1 जनवरी से 9 नवंबर 2025 तक दिल्ली का औसत AQI 175 रहा। पिछले साल इसी अवधि में यह 189 था। PM2.5 और PM10 का स्तर भी पिछले साल की तुलना में कम रहा।
वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति में सुधार के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। सरकार और नागरिकों की सामूहिक कोशिशों से ही स्थिति में सुधार संभव है।











