
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट ने जैश-ए-मोहम्मद की ओर इशारा करना शुरू कर दिया है। नौ लोगों की मौत और कई घायलों वाला यह विस्फोट अब भू-राजनीतिक उथल-पुथल में बदल गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान दौरे के दौरान त्वरित और सख्त कार्रवाई का वादा किया। उन्होंने कहा कि भारतीय एजेंसियां इस साजिश की जड़ तक पहुंचेंगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस चेतावनी ने इस्लामाबाद में हड़कंप मचा दिया है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी सैन्य शीर्ष नेतृत्व को आशंका है कि भारत ऑपरेशन सिंदूर 2.0 की तैयारी कर रहा है।
यह चेतावनी 2023 की घटनाओं की याद दिलाती है जब बिहार से दी गई ऐसी ही चेतावनी के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। उस ऑपरेशन ने पाकिस्तान के अंदर आतंकी शिविरों और रक्षा प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया था।
भारत की नीति स्पष्ट रही है कि आतंकवादियों और उन्हें शरण देने वालों के बीच कोई अंतर नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की रोकथाम की अपील के बाद वह ऑपरेशन केवल निलंबित किया गया था।
मोदी की चेतावनी के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने उच्चतम स्तर की सुरक्षा चेतावनी जारी की। इस्लामाबाद ने नोटिस टू एयरमेन जारी किया और सभी एयरबेस व नौसैनिक सुविधाओं को रेड अलर्ट पर रखा।
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान वायु सेना को तत्काल उड़ान भरने के लिए लड़ाकू विमान तैयार रखने का आदेश दिया गया है। वायु रक्षा प्रणालियों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।
अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनिर ने वरिष्ठ कमांडरों को किसी भी अप्रत्याशित भारतीय कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
सरकारी सूत्रों ने 10 नवंबर के विस्फोट को न केवल आतंकवादी घटना बल्कि युद्ध की कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने पुष्टि की कि भारतीय भूमि पर किसी भी हमले की प्रतिक्रिया में ऑपरेशन सिंदूर सक्रिय बना हुआ है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी से राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश की शीर्ष एजेंसियां हर कोण से जांच कर रही हैं और जल्द ही निष्कर्ष सार्वजनिक किए जाएंगे।
11 नवंबर की सुबह जांचकर्ताओं ने लाल किले के पास क्षतिग्रस्त आई20 कार के मलबे की छानबीन की। फोरेंसिक टीमों को अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर के निशान मिले।
पुलिस ने कार के मालिक को पुलवामा के निवासी डॉक्टर मोहम्मद उमर के रूप में पहचाना है। सूत्र बताते हैं कि उमर और उनके तीन सहयोगियों ने एक कट्टरपंथी व्हाइट-कॉलर आतंकी सेल बनाया था।
दिल्ली विस्फोट से कुछ घंटे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ संयुक्त ऑपरेशन में फरीदाबाद की दो किराए की फ्लैटों से 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए थे।
जांचकर्ताओं का मानना है कि उमर ने अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद घबराकर लाल किले के पास बम विस्फोट किया। यह बचे हुए विस्फोटकों को स्थानांतरित करते समय एक अनजाने और समय से पहले हुआ विस्फोट था।
पाकिस्तानी नेतृत्व में दिख रही दहशत स्पष्ट संकेत दे रही है कि भारत की मजबूत प्रतिक्रिया की उन्हें गहरी आशंका है। सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई जारी है और स्थिति गंभीर बनी हुई है।










