
पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को दिल्ली के सर्दियों के वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्ययोजना की समीक्षा के लिए एक तैयारी बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में 30 हितधारक एजेंसियों ने भाग लिया और अक्टूबर से फरवरी तक के चरम प्रदूषण महीनों के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए।
बैठक में डीडीए, एमसीडी, डीपीसीसी, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, दिल्ली पुलिस, डीएमआरसी और अन्य विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने धूल दमन से लेकर वाहन प्रवर्तन तक के 17 व्यापक कार्य बिंदुओं पर प्रगति की समीक्षा की।
सिरसा ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण के खिलाफ एक सक्रिय, चौबीसों घंटे के प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह योजना technology-led interventions और नागरिक भागीदारी पर निर्भर करती है।
अब तक, अधिकारियों ने ऊंची इमारतों पर 174 एंटी-स्मॉग गन तैनात की हैं। उन्होंने 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट पर 219 मिस्ट स्प्रेइंग सिस्टम भी स्थापित किए हैं।
अगस्त तक, प्रदूषण संबंधी उल्लंघनों के लिए 5.95 लाख चालान जारी किए गए। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक संख्या है।
गैर-गंतव्य वाले goods vehicles के खिलाफ प्रवर्तन अभियानों में 10.8 लाख से अधिक वाहनों की जांच की गई। इनमें से 64,000 से अधिक वाहनों को वापस भेज दिया गया।
अनधिकृत पार्किंग के लिए 9.4 लाख से अधिक चालान जारी किए गए। साथ ही, 1.28 लाख वाहनों को जब्त भी किया गया।
ये आंकड़े दिखाते हैं कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए कितनी सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकार technology का उपयोग करके समस्या से निपटने का प्रयास कर रही है।
नागरिकों की भागीदारी भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सिरसा ने इस बात पर जोर दिया कि सभी को मिलकर काम करना होगा।
दिल्ली में हर सर्दी में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाता है। इससे निपटने के लिए इस तरह की तैयारी बैठकें महत्वपूर्ण हैं।
सरकार ने इस बार पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीद है कि इससे स्थिति में सुधार होगा।
technology-led interventions का उपयोग बढ़ाने पर focus है। इससे monitoring और enforcement में मदद मिलेगी।
सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन सरकार का कहना है कि वह पूरी तरह तैयार है।
इस योजना के सफल होने के लिए सभी एजेंसियों का समन्वय जरूरी है। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई।
दिल्लीवासियों को उम्मीद है कि इस बार सर्दी का मौसम कम प्रदूषण के साथ गुजरेगा। सरकार के efforts से positive results आने की उम्मीद है।