
मुंबई, 24 जून। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर दिलीप दोशी का 77 वर्ष की आयु में लंदन में निधन हो गया। हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण उनका देहांत हुआ। उनके परिवार में पत्नी कलिंदी, बेटे नयन दोशी (जो स्वयं सरे और सौराष्ट्र की तरफ से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल चुके हैं) और बेटी विशाखा हैं।
राजकोट में 22 दिसंबर 1947 को जन्मे दिलीप दोशी ने भारतीय क्रिकेट में एक विशेष पहचान बनाई। उन्होंने 30 साल की उम्र में 11 सितंबर 1979 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। यह उम्र अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देरी से शुरुआत मानी जाती है, लेकिन इसने उनके प्रभाव को कम नहीं किया।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस खबर की पुष्टि की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
क्रिकेट जगत के हर कोने से उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व भारतीय कप्तान और हेड कोच रवि शास्त्री भी शामिल हैं। उन्होंने दोशी को याद करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
भारत के दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
दोशी ने 1979 से 1983 के बीच भारत की तरफ से 33 टेस्ट मैच और 15 वनडे खेले। उन्होंने 114 टेस्ट विकेट लिए, जिसमें 6 बार एक पारी में 5 विकेट शामिल हैं। 30.71 की औसत से विकेट लेने वाले दोशी अपने क्लासिक लेफ्ट आर्म स्पिन, नियंत्रण और अचूक सटीकता के लिए जाने जाते थे। ये गुण उन्हें टीम के संक्रमण काल में भारतीय गेंदबाजी लाइनअप का एक विश्वसनीय स्तंभ बनाते थे।
पूर्व भारतीय विकेटकीपर पर्थिव पटेल ने क्रिकेट समुदाय की भावनाओं को सबसे अच्छे तरीके से व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि Dilip Doshi के निधन से वह और क्रिकेट जगत स्तब्ध और दुखी हैं। दोशी का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।