
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को चेन्नई और कांचीपुरम में 15 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और SIPCOT परियोजनाओं के लिए ज़मीन अधिग्रहण में संदिग्ध भ्रष्टाचार के मामले से जुड़ी है।
सूत्रों के अनुसार, चेन्नई ज़ोन के ED अधिकारियों ने बुधवार सुबह जल्दी छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई पूरे दिन चलती रही और एजेंसी ने व्यापारियों के परिसरों को तलाशा।
इनमें ज्वैलरी, आयरन, रियल्टी और फाइनेंस से जुड़े व्यवसायी शामिल हैं। छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में की गई।
यह मामला कांचीपुरम जिला पुलिस द्वारा 2022 और 2023 में दर्ज दो एफआईआर पर आधारित है। पुलिस नकली दस्तावेज़ों के आधार पर सैकड़ों करोड़ रुपये की मुआवज़ा प्राप्त करने के आरोपों की जांच कर रही है।
सरकारी अधिकारी भी पुलिस की नज़र में हैं जो ज़मीन प्रमोटरों के साथ मिलकर सरकारी ज़मीन को निजी हाथों में ट्रांसफर करने का आरोप है।
मई 2021 में चार लोगों ने सरकार से ब्याज की मांग की थी। उन्होंने SIPCOT विस्तार के लिए दी गई ज़मीन के बदले 21.1 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।
ज़मीन का अधिग्रहण 2012 में हुआ था लेकिन मुआवज़ा 2020 में दिया गया। कांचीपुरम पुलिस ने पाया कि यह ज़मीन नकली दस्तावेज़ों के माध्यम से प्राप्त की गई थी।
दूसरी एफआईआर में NHAI द्वारा जिले में हाईवे विस्तार के लिए ज़मीन अधिग्रहण में अनियमितताओं का मामला दर्ज है।
यह मामला सरकारी परियोजनाओं में ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है। बड़े पैमाने पर मुआवज़े की रकम नकली दावों के माध्यम से हड़पी गई।
छापेमारी से जुड़े स्थानों में व्यापारियों के आवास और कार्यालय शामिल हैं। ED अधिकारी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत जुटा रहे हैं।
मामले की जांच अभी जारी है और और लोगों के पूछताछ की संभावना है। यह केस सरकारी संपत्ति की सुरक्षा और पारदर्शी अधिग्रहण प्रक्रिया की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
कांचीपुरम जिले में हाईवे विस्तार परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित ज़मीनों की वैधता पर भी सवाल उठे हैं। अधिकारियों की संलिप्तता के आरोप गंभीर चिंता का विषय हैं।
यह मामला भ्रष्टाचार रोकथाम एजेंसियों की सक्रिय भूमिका दर्शाता है। ED की कार्रवाई से संबंधित दस्तावेज़ों और लेनदेन का पता चलने की उम्मीद है।
सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है। इस तरह के मामले सिस्टम में सुधार की आवश्यकता को उजागर करते हैं।










