
चेन्नई, 6 जुलाई: श्रीराम फाइनेंस की मोबिलिटी बुलेटिन के अनुसार, जून 2025 में इलेक्ट्रिक मोटर कारों की बिक्री में उछाल आया है, जबकि पारंपरिक इंटरनल कंबस्चन इंजन वाली पैसेंजर कारों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई। कमजोर उपभोक्ता मांग के चलते यह ट्रेंड देखने को मिला।
वहीं ट्रक किराए में जून 2025 के दौरान मजबूती बनी रही। प्राइवेट सेक्टर द्वारा ट्रकों की बढ़ती किराएदारी इसकी मुख्य वजह रही। अध्ययन के मुताबिक, 18 टन पेलोड वाले ट्रकों के राउंड ट्रिप किराए में बढ़ोतरी हुई, चाहे वह दिल्ली-मुंबई-दिल्ली रूट हो या दिल्ली-हैदराबाद-दिल्ली।
साल दर साल आधार पर देखें तो जून 2024 की तुलना में जून 2025 में ट्रक किराए में 5% की वृद्धि हुई। वहीं मई 2025 के मुकाबले जून 2025 में किराए में 1.3% का इजाफा दर्ज किया गया।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री में मासिक आधार पर 5% की बढ़ोतरी हुई। मई 2025 में 88,986 यूनिट की तुलना में जून 2025 में 93,872 यूनिट की बिक्री हुई।
इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में तो जबरदस्त उछाल देखने को मिला। जून 2024 में केवल 717 यूनिट की बिक्री हुई थी, जो जून 2025 में बढ़कर 9,804 यूनिट हो गई। यह 1,267% की अभूतपूर्व वृद्धि है।
मासिक आधार पर इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में मामूली 1% की वृद्धि दर्ज की गई। मई 2025 में 9,693 यूनिट की तुलना में जून में 9,804 यूनिट बिकीं।
श्रीराम फाइनेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ वाई एस चक्रवर्ती ने कहा, “जून 2025 में ट्रांसपोर्ट और ऑटोमोटिव सेक्टर में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले। ट्रक किराए में स्वस्थ वृद्धि हुई, जिसका कारण मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुधार है।”
उन्होंने कहा कि निर्यात आधारित फ्रेट मूवमेंट में स्थिरता बनी हुई है, जो दूसरी तिमाही के लिए सकारात्मक संकेत है। फ्यूल कंजप्शन और FASTag कलेक्शन में हालांकि मामूली गिरावट आई, लेकिन साल दर साल आधार पर इनमें तेज बढ़त संरचनात्मक सुधार और मौसमी मोबिलिटी ट्रेंड्स की ओर इशारा करती है।
चक्रवर्ती ने कहा कि पैसेंजर कारों की बिक्री मंदी के दौर से गुजर रही है, जिसकी वजह बाजार में बनी अनिश्चितता है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पूर्वानुमान से आगे बढ़ रही है, जिसमें उपभोक्ताओं की बढ़ती दिलचस्पी और ऑटोमेकरों द्वारा नए मॉडल्स की शुरुआत अहम भूमिका निभा रही है।
अध्ययन के मुताबिक, पेट्रोल की खपत जून 2025 में 6.4% बढ़कर 3.51 मिलियन टन हो गई, जो जून 2024 में 3.30 मिलियन टन थी। डीजल की खपत में 1.2% की वृद्धि दर्ज की गई। जून 2025 में यह 8.08 मिलियन टन रही, जबकि जून 2024 में 7.98 मिलियन टन थी।