
बिहार के समस्तीपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नाम से नकली निवास प्रमाणपत्र बनाने का प्रयास किया गया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
समस्तीपुर के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) ब्रजेश कुमार ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “डोनाल्ड ट्रम्प के नाम से निवास प्रमाणपत्र बनाने का प्रयास किया गया। जांच में पता चला कि यह प्रमाणपत्र हैकिंग के जरिए बनाया जा रहा था। इसकी जानकारी साइबर सेल को दी गई है। एफआईआर दर्ज की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
इस मामले पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बिहार में मतदाता सूची के संशोधन पर सवाल उठाया और इसे “धोखाधड़ी” और “वोट चोरी का तरीका” बताया।
सुरजेवाला ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “कई लोग इसे मजाक समझकर नजरअंदाज कर देंगे, लेकिन गौर से देखिए… यह साबित करता है कि बिहार में मतदाता सूची संशोधन की पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी और वोट चोरी का जरिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “चुनाव आयोग द्वारा बिहार से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने का कदम चुनावी लोकतंत्र पर सीधा हमला है। यह धोखाधड़ी अब सबके सामने है, जिसके खिलाफ कांग्रेस और राहुल गांधी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में चुप रहना अपराध है। इसलिए आइए, साथ मिलकर आवाज उठाएं और लोकतंत्र के रक्षक बनें।”
इससे पहले जून में पटना में “डॉग बाबू” के नाम से निवास प्रमाणपत्र जारी किए जाने की घटना सामने आई थी। अब बिहार के नवादा में भी इसी तरह का मामला देखने को मिला है।
“डोगेश बाबू” के नाम से एक कुत्ते की फोटो के साथ निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया गया था, जिसके बाद नवादा के जिलाधिकारी ने इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और मामले की गहन जांच करने के आदेश दिए थे।
यह घटना चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल उठाती है। राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से व्यवस्था सुधारने और ऐसी घटनाओं पर नकेल कसने की मांग की है।