
ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी हॉन हाई प्रेसिजन इंडस्ट्री कंपनी, जिसे दुनिया भर में फॉक्सकॉन के नाम से जाना जाता है, ने भारत और अमेरिका में 2.2 अरब डॉलर से अधिक के निवेश को मंजूरी मिल गई है। यह जानकारी फोकस ताइवान ने दी है।
ताइवान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने इस निवेश को स्वीकृति दी है। इस राशि में से लगभग 1.49 अरब डॉलर फॉक्सकॉन की सिंगापुर सहायक कंपनी को जाएगा।
सिंगापुर सहायक कंपनी यह धनराशि यूजहान टेक्नोलॉजी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करेगी, जो फॉक्सकॉन की एक अन्य सहायक कंपनी है। यह निवेश भारत में आईफोन और उनके कॉम्पोनेंट्स के उत्पादन के लिए एक नए फैक्ट्री के निर्माण में मदद करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका के साथ व्यापार तनाव के कारण चीन से बाहर उत्पादन बढ़ाने की फॉक्सकॉन की योजना का हिस्सा है। भारत आईफोन और उनके कॉम्पोनेंट्स के निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।
फॉक्सकॉन को अमेरिका में 735 मिलियन डॉलर खर्च करने की भी मंजूरी मिल गई है। यह राशि प्रोजेक्ट ईटीए (डीई) एलएलसी नामक एक नई कंपनी स्थापित करने के लिए होगी। यह नया व्यवसाय डेटा सेंटर के उपकरण और सर्वर को असेंबल करने पर केंद्रित होगा।
अपने वैश्विक विस्तार के हिस्से के रूप में, फॉक्सकॉन अमेरिका, भारत, मैक्सिको, वियतनाम और यूरोप के कुछ क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है।
वर्तमान में, कंपनी के 24 देशों में 223 फैक्ट्री और कार्यालय हैं, जिनमें अमेरिकास में 54, यूरोप में 12 और भारत में 12 शामिल हैं।
फॉक्सकॉन के अलावा, अन्य कंपनियों को भी निवेश की मंजूरी मिली है। कैथे फाइनेंशियल होल्डिंग की सहायक कैथे यूनाइटेड बैंक को वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी में अपनी शाखा में 160 मिलियन डॉलर निवेश करने की अनुमति मिली है। यह धनराशि वहां अपने लेंडिंग बिजनेस को सपोर्ट करेगी।
इसके अतिरिक्त, एयूओ कॉर्प की सहायक एयूओ मोबिलिटी सॉल्यूशन कॉर्प को चीन की शियामेन शाखा में 20 मिलियन डॉलर निवेश की स्वीकृति मिली है। यह शाखा वाहनों के लिए डिस्प्ले पार्ट्स और अन्य कॉम्पोनेंट्स बनाती है।
अंत में, हांगकांग स्थित रॉयल सील होल्डिंग कंपनी को ताइवान की अपनी शाखा में लगभग 3.29 मिलियन डॉलर निवेश करने की अनुमति मिली। यह शाखा कैंसर उपचार पर केंद्रित है। ताइवान की कंपनी कोवेल्थ मेडिकल होल्डिंग कंपनी रॉयल सील का प्रमुख शेयरधारक है।