
त्योहारी सीज़न से पहले ऑटो सेक्टर को एक बड़ी खुशखबरी मिली है! Good and Services Tax (GST) दरों में बदलाव से छोटी कारें और टू-व्हीलर्स अब और भी किफायती हो जाएंगे. यह भारतीय ग्राहकों के लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है, विशेषकर जब Diwali और Dussehra जैसे बड़े त्योहार नजदीक आ रहे हैं.
GST परिषद ने भारत की अप्रत्यक्ष कर संरचना में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों को मंज़ूरी दे दी है. अब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की नई टैक्स संरचना अपनाई गई है, जिससे 22 सितंबर से कई रोज़मर्रा की ज़रूरत वाली चीज़ें सस्ती हो जाएंगी. इन बदलावों का सबसे ज़्यादा असर ऑटोमोबाइल sektor पर देखने को मिलेगा, ख़ासकर छोटी कारें और टू-व्हीलर्स के सेगमेंट में.
छोटी कारों पर GST घटाकर 18 प्रतिशत करना ऑटो उद्योग के लिए एक बहुत बड़ा बढ़ावा है. त्योहारों के मौसम में यह कदम बिक्री को बढ़ाने में मदद करेगा. जैसा कि हम सभी जानते हैं, त्योहारी सीज़न में अक्सर लोग नई खरीदारी करते हैं और ऐसे में कीमतों में कमी ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगी. यह निर्णय उन परिवारों के लिए भी राहत लेकर आएगा जो लंबे समय से एक नई गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे थे.
GST परिषद ने सभी petrol, diesel और hybrid वाहनों को मुख्य रूप से दो टैक्स दरों के तहत रखा है. 4 मीटर से कम लंबी गाड़ियों पर 18 प्रतिशत और इससे लंबी गाड़ियों पर 40 प्रतिशत टैक्स लगेगा. इसका मतलब है कि 4 मीटर से कम लंबाई वाली और Petrol engine के लिए 1200 सीसी तथा Diesel engine के लिए 1500 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली छोटी कारों पर 22 सितंबर से 18 प्रतिशत GST लगेगा. अभी तक मौजूदा व्यवस्था के तहत इन पर कुल 29 से 31 प्रतिशत का टैक्स लगता था. यह टैक्स में एक महत्वपूर्ण कमी है जो सीधे ग्राहकों को फायदा पहुंचाएगी.
इसके अलावा, 350 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली motoroycles पर भी अब 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा, जबकि मौजूदा समय में उन पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता है. अगर GST में 11 प्रतिशत की कमी होती है, तो उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार छोटी कारों की एक्स-शोरूम कीमत में 12 से 12.5 प्रतिशत तक की कमी आएगी. उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कार की एक्स-शोरूम कीमत 5 लाख रुपये है, तो उसकी कीमत 62,500 रुपये कम हो जाएगी. यह एक sizable बचत है जो ग्राहकों को सीधे तौर पर मिलेगी.
बड़ी गाड़ियां भी थोड़ी सस्ती होंगी, क्योंकि उन पर 40 प्रतिशत की विशेष दर से टैक्स लगेगा, जबकि सेस सहित वर्तमान में उन पर 43 से 50 प्रतिशत तक टैक्स लगता है. विशेषज्ञों के अनुसार, ऑटो पार्ट्स पर भी 18 प्रतिशत की एकसमान दर (वर्तमान 28 प्रतिशत के मुकाबले) लगने से supply chain में भी कीमतें कम होने की संभावना है. इसका मतलब है कि सिर्फ नई गाड़ियां ही नहीं, बल्कि उनके स्पेयर पार्ट्स और एक्सेसरीज़ भी सस्ते हो सकते हैं.
S&P Global Mobility के एसोसिएट निदेशक Gaurav Vangaal ने बताया कि Maruti, Tata और Mahindra जैसे brands को इससे सबसे ज़्यादा फायदा होने की संभावना है. खासकर Fronx और Punch जैसे लोकप्रिय छोटे crossovers की मांग बढ़ने से इन कंपनियों को बहुत लाभ मिलेगा. यह नई GST दरें एक win-win स्थिति पैदा करती हैं, जहां ग्राहक और ऑटोमोबाइल उद्योग दोनों को फायदा होगा. ग्राहक कम दाम पर गाड़ियां खरीद पाएंगे, वहीं कंपनियां बढ़ी हुई बिक्री का लाभ उठा पाएंगी. यह त्योहारी सीज़न भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है.