
भारत का नया जनरेशन GST सिस्टम, जिसे GST बचत उत्सव नाम दिया गया है, सोमवार से लागू हो गया है। इसके तहत लगभग 370 उत्पादों पर करों में कमी की गई है, जिनमें रोजमर्रा की जरूरत की चीजें और जीवनरक्षक दवाएं शामिल हैं।
UHT दूध, खाखरा, प्री-पैकेज्ड पनीर और चपाती-पराठे जैसी 50 से अधिक वस्तुओं को अब शून्य टैक्स श्रेणी में रखा गया है।
कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली 33 जरूरी दवाओं और थेरेपी को अब GST से छूट दी गई है।
कई अन्य दवाओं पर टैक्स की दर 12% से घटाकर शून्य कर दी गई है। डायग्नोस्टिक किट और ग्लूकोमीटर जैसे मेडिकल डिवाइस पर अब केवल 5% GST लगेगा।
स्कूल और ऑफिस के लिए इस्तेमाल होने वाले स्टेशनरी आइटम जैसे रबड़, पेंसिल, नोटबुक और मैप्स पर भी अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
कई उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है, जिनमें मक्खन, बिस्कुट, कंडेंस्ड मिल्क, नमकीन, जैम, केचप, जूस, ड्राई फ्रूट, घी, आइसक्रीम और सॉसेज शामिल हैं।
बादाम, काजू, पिस्ता और खजूर जैसे ड्राई फ्रूट्स और नट्स पर अब 12% के बजाय केवल 5% टैक्स लगेगा।
आवास निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाले सीमेंट पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।
हजामत, सैलून ट्रीटमेंट, योगा क्लासेज, जिम और हेल्थ क्लब जैसी सेवाओं पर भी टैक्स की दरें कम की गई हैं।
शैंपू, साबुन, हेयर ऑयल, फेस क्रीम और शेविंग क्रीम जैसे टॉयलेट्री आइटम भी अब शून्य GST श्रेणी में आ गए हैं।
एयर कंडीशनर, टेलीविजन, वाशिंग मशीन और डिशवॉशर जैसे किचन एप्लायंसेज और इलेक्ट्रॉनिक्स पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।
सरकार ने राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए सेस को GST बेस में मर्ज किया है और सिन और लग्जरी goods पर 40% का लेवी लगाया है।
सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों पर सबसे अधिक टैक्स दर लागू की गई है।
कोका-कोला, पेप्सी और फैंटा जैसे एरेटेड बेवरेजेस पर भी यही उच्च दर लागू होगी।
1,200 cc (पेट्रोल) या 1,500 cc (डीजल) से अधिक और 4 मीटर से अधिक लंबाई वाली बड़ी SUV और MPV गाड़ियों पर अब 40% टैक्स लगेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि इस ओवरहॉल का उद्देश्य उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल आय बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाना है।