
मुंबई, 15 जुलाई: क्या हो अगर आपके पसंदीदा समोसे, जलेबी और पकोड़े पर सिगरेट जैसे हेल्थ वॉर्निंग लगे हो? भारत सरकार ने यही कदम उठाते हुए AIIMS नागपुर समेत कई केंद्रीय संस्थानों को इन स्नैक्स में छिपी चीनी, तेल और ट्रांस फैट की मात्रा दर्शाने वाले पोस्टर लगाने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य इन पारंपरिक व्यंजनों के नियमित सेवन से जुड़े मोटापा, डायबिटीज़ और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
ये चेतावनी बोर्ड लोगों को सूचित और स्वस्थ विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करेंगे। यह पहल भारत में बढ़ते मोटापे की चिंता के बीच उठाई गई है, जहां 2050 तक लगभग 45 करोड़ लोग अधिक वजन या मोटापे से प्रभावित हो सकते हैं। सरकार इन स्नैक्स पर प्रतिबंध लगाने की बजाय स्पष्ट चेतावनी के ज़रिए संयमित उपभोग को बढ़ावा देना चाहती है।
AIIMS नागपुर के कैफेटेरिया और सार्वजनिक क्षेत्रों में सबसे पहले ये वॉर्निंग बोर्ड दिखाई देंगे। अधिकारियों का मानना है कि चीनी, फैट और ट्रांस फैट की मात्रा की पारदर्शी जानकारी देकर उपभोक्ताओं को दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति सचेत किया जा सकेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फूड लेबलिंग पर यह फोकस डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और हृदय रोग जैसी गैर-संचारी बीमारियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भारत में मोटापे की समस्या तेज़ी से बढ़ रही है, जहां हर पांच शहरी वयस्कों में से एक अधिक वजन का शिकार है और बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो भारत मोटापे के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच सकता है। इस पहल का लक्ष्य पारंपरिक स्नैक्स पर प्रतिबंध लगाना नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं को जागरूक कर संयम और स्वस्थ विकल्पों को प्रोत्साहित करना है।