
शिमला की खूबसूरत पहाड़ियों में इन दिनों मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी से लेकर अत्यधिक वर्षा का अनुमान है, जिसके चलते भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं। कई वाहन बह चुके हैं और नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
इन जिलों में जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट
बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं चंबा, हमीरपुर, लाहौल स्पीति, किन्नौर, सिरमौर, कांगड़ा और ऊना में हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान है। कुल्लू जिले में लगभग 90 सड़कों पर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है।
IMD ने जारी की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। अनावश्यक यात्रा से बचने, ट्रैफिक एडवाइजरी का पालन करने, जलाशयों के आसपास न जाने और अपने पशुधन को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की सलाह दी गई है। राज्य सरकार द्वारा जारी किसी भी एडवाइजरी को फॉलो करने पर जोर दिया गया है।
कुल्लू और सोलन में स्कूल बंद
भारी बारिश को देखते हुए कुल्लू के बंजार और आणी उपमंडलों में 6 अगस्त 2025 को शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। सोलन में भी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून के बारे में
दक्षिण पश्चिम मॉनसून भारत में जून से सितंबर तक सक्रिय रहता है। इस दौरान हवाओं का रुख बदल जाता है और समुद्र से नमी लेकर बादल भूमि की ओर बढ़ते हैं, जिससे भारी वर्षा होती है। यह मॉनसून भारत की कृषि और जल संसाधनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में मॉनसून के दौरान भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं आम हो जाती हैं।
स्थानीय प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क कर दिया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मौसम विभाग लगातार अपडेट जारी कर रहा है ताकि लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें।