IND vs SA 1st T20I: Sanju Samson’s Second Straight T20I Century
IND vs SA, पहला T20I: संजू सैमसन का लगातार दूसरा T20I शतक, भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाए 202 रन
डरबन के किंग्समीड में छोटे बाउंड्री, समुद्र की तरफ से बहती तेज़ हवा और बल्लेबाजों के अनुकूल पिच पर संजू सैमसन ने बेहतरीन खेल दिखाया। उन्होंने इन अनुकूल परिस्थितियों का भरपूर फायदा उठाते हुए शानदार शॉट्स खेले और लगातार दूसरे T20I में शतक जड़ा। 29 वर्षीय सैमसन इस तरह लगातार T20I शतक बनाने वाले पहले भारतीय बने, और भारत को 202 के मजबूत स्कोर तक पहुंचा दिया।
हालांकि 202 का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण था, दक्षिण अफ्रीका की मजबूत बल्लेबाजी टीम ने उन्हें खेल में बनाए रखा। पावरप्ले में अर्शदीप सिंह और आवेश खान की शुरुआती सफलता ने भारत को अच्छी शुरुआत दी, लेकिन हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर का खतरा अभी भी बना हुआ था। 11वें और 12वें ओवर में वरुण और बिश्नोई की शानदार स्पिन गेंदबाजी ने मैच का रुख भारत की ओर कर दिया। दोनों ने मिलकर आठ ओवरों में केवल 53 रन देकर छह महत्वपूर्ण विकेट लिए और भारत को 61 रनों से जीत दिलाई।
सैमसन का हालिया फॉर्म लाजवाब रहा है। बांग्लादेश के खिलाफ 47 गेंदों पर 111 रन बनाने के बाद, इस मैच में उन्होंने 50 गेंदों पर 107 रन बनाए। उनके T20I करियर में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं, लेकिन भारत की T20 विश्व कप जीत के बाद उन्हें ओपनर के तौर पर प्रमोट किए जाने से उनके खेल में नई ऊर्जा दिखी। श्रीलंका के खिलाफ मुश्किल शुरुआत के बाद लगातार दो शतक जड़ने से उन्होंने अब T20 टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है।
शुरुआत से ही सैमसन ने तेज़ी से रन बनाने का इरादा दिखाया। ऐडन मार्कराम और केशव महाराज पर उन्होंने जल्दी ही चौके और छक्के लगाए। स्पिनर्स के खिलाफ उनकी रणनीति स्पष्ट थी—कुछ भी फुल लेंथ पर फेंका गया तो सीधा बाउंड्री के बाहर। अगर गेंदबाजों ने लंबाई में थोड़ी भी गलती की, तो सैमसन ने उसे मिड-विकेट के ऊपर पहुंचा दिया। उनके दस में से छह छक्के स्पिनर्स के खिलाफ आए, जिसमें अकेले पीटर को चार छक्के पड़े।
तेज़ गेंदबाज़ों ने पूरी कोशिश की कि फुल लेंथ की गेंदें ना फेंकी जाएं, सिर्फ एंडिले सिमेलाने ने इस नियम को तोड़ा। लेकिन सैमसन की तेज़ हाथ-आंख समन्वय और आखिरी पल में की जाने वाली पोजिशनिंग ने उन्हें गेंदबाजों पर हावी होने में मदद दी।
चौथे ओवर में अभिषेक शर्मा के आउट होने के बाद, सैमसन ने सूर्यकुमार यादव के साथ साझेदारी निभाई। दोनों ने 37 गेंदों में 66 रन जोड़े। इसके बाद तिलक वर्मा के साथ उन्होंने 34 गेंदों में 77 रनों की और साझेदारी की। भले ही यादव और वर्मा कभी-कभी टाइमिंग में संघर्ष कर रहे थे, लेकिन सैमसन की निरंतरता ने भारत की रन गति को बनाए रखा और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।