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जमशेदपुर में सीएसआईआर-नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेटरी ने 11वें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2025 के कर्टन-रेज़र कार्यक्रम की मेजबानी की। यह आयोजन बृहस्पतिवार को हुआ और पंचकुला में होने वाले मुख्य महोत्सव की झलक पेश की।
महोत्सव दिसंबर 6 से 9 तक हरियाणा के पंचकुला में आयोजित किया जाएगा। इसकी थीम ‘विज्ञान से समृद्धि – आत्मनिर्भर भारत के लिए’ रखी गई है।
कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-एनएमएल की प्लैटिनम जुबली पर बने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन से हुई। इसके बाद मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का आगमन हुआ।
बिट मेसरा के कुलपति और आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक इंद्रनील मन्ना ने ‘द वर्ल्ड ऑफ मैटेरियल्स: इम्पैक्ट ऑन डेवलपमेंट एंड ग्रोथ’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने राष्ट्रीय प्रगति में मैटेरियल साइंस के महत्व पर प्रकाश डाला।
मन्ना ने सामग्री की संरचना और गुणों के बीच संबंधों की व्याख्या की। उन्होंने छात्रों को ‘विकसित भारत @2047 के लिए इंजीनियरिंग’ में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक संदीप घोष चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रयोगशाला की धातुकर्म नवाचारों में भूमिका को रेखांकित किया।
चौधरी ने स्थायी औद्योगिक विकास और तकनीकी उन्नति में प्रयोगशाला के योगदान पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अल कबीर पॉलिटेक्निक, श्रीनाथ यूनिवर्सिटी और अर्का जैन यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने सीएसआईआर-एनएमएल प्लैटिनम जुबली एक्सपो का भी दौरा किया।
यह एक्सपो संस्थान की 75वीं स्थापना दिवस समारोह का हिस्सा था। छात्रों ने प्रयोगशाला की उपलब्धियों और नवीनतम तकनीकों को नजदीक से देखा।
विज्ञान महोत्सव का यह आयोजन देश में वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह युवा पीढ़ी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित करेगा।
महोत्सव में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की सक्रिय भागीदारी रही। इससे छात्रों को वैज्ञानिक शोध और नवाचारों से सीधे तौर पर जुड़ने का अवसर मिला।
सीएसआईआर-एनएमएल की इस पहल से क्षेत्र में वैज्ञानिक गतिविधियों को बल मिलेगा। यह संस्थान लंबे समय से धातु विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
आगामी विज्ञान महोत्सव में देश-विदेश के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। यह आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए सहयोगों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
छात्रों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक बताया। उन्हें विज्ञान के व्यावहारिक पहलुओं को समझने का मौका मिला।
विज्ञान महोत्सव के इस पूर्वाभ्यास ने जमशेदपुर में वैज्ञानिक उत्साह का वातावरण बनाया है। अब सभी की नजरें दिसंबर में होने वाले मुख्य आयोजन पर टिकी हैं।










