
मैनचेस्टर [यूके], 28 जुलाई (एएनआई)। भारतीय क्रिकेट टीम का बल्लेबाजी यूनिट इन दिनों खूब चर्चा में है। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान उनका शानदार प्रदर्शन जारी है और अब उन्होंने इतिहास रच दिया है। एक टेस्ट मैच बाकी होने के बावजूद भारत ने इस सीरीज में 350 या उससे अधिक के सात स्कोर बना लिए हैं। यह किसी भी टीम की ओर से एक ही टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा है।
चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में भारत ने ओल्ड ट्रैफर्ड पर 425/4 का स्कोर खड़ा किया। यह उनके अनुशासित बल्लेबाजी का एक और उदाहरण था। रवींद्र जडेजा के शतक और वाशिंगटन सुंदर के पहले टेस्ट शतक की बदौलत भारत मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहा। दोनों ने अविजित 203 रन की साझेदारी की, जो इंग्लैंड में भारत की ओर से किसी भी पांचवें विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी है।
यह लगातार अच्छी बल्लेबाजी का नतीजा है कि भारत ने क्रिकेट इतिहास की कुछ महान टीमों को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 1920/21, 1948 और 1989 में इंग्लैंड के खिलाफ तीन अलग-अलग सीरीज में छह बार 350 प्लस स्कोर बनाए थे। लेकिन 2025 में शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और रवींद्र जडेजा की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इस सीरीज में अब तक भारतीय बल्लेबाजों ने 10 शतकीय साझेदारियां कर ली हैं। यह किसी एक सीरीज में भारत की ओर से दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। 1978/79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में 11 शतकीय साझेदारियां दर्ज की गई थीं।
अंतिम टेस्ट ओवल में होना है और भारत को इस सीरीज में 2-1 से पीछे होने के बावजूद अपनी बल्लेबाजी दमदारी जारी रखने का मौका मिलेगा। रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की जुगलबंदी इस सीरीज की यादगार पार्टनरशिप रही, जिसने भारत को मुश्किल हालात से बाहर निकाला।