
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम से मुलाकात की। उन्होंने टीम को पहले ब्लाइंड विमेंस टी20 विश्व कप में ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी।
इस टूर्नामेंट के फाइनल में टीम ने नेपाल को सात विकेट से हराया था। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने एक भी मैच नहीं हारा।
प्रधानमंत्री मोदी ने टीम की इस उपलब्धि को मेहनत और दृढ़ संकल्प का बेहतरीन उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती।
मोदी ने टीम के सभी खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। उन्होंने खिलाड़ियों के साथ खुले मन से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपने कड़ी मेहनत की है और अपनी पहचान बनाई है। इससे आपमें आत्मविश्वास आया होगा। आज आप प्रधानमंत्री से बात कर रही हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब मैं आपसे मिलता हूं तो महसूस करता हूं कि हमारा देश बहुत अच्छा कर रहा है। इन बच्चों में इतना साहस है।’
भारतीय टीम ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद के रूप में एक ऑटोग्राफ वाला बैट भेंट किया। प्रधानमंत्री ने भी टीम के लिए एक क्रिकेट बॉल पर हस्ताक्षर किए।
टीम की कप्तान दीपिका टीसी ने बताया, ‘मैं मोदी सर के साथ फोटो लेने गई थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं गाती हूं। मैं हैरान रह गई कि उन्हें यह कैसे पता चला।’
उप-कप्तान गंगा कदम ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, ‘मेरे पिता का बड़ा सपना था। वह प्रधानमंत्री मोदी को बहुत पसंद करते थे। अब वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन मैं सोच रही हूं कि अगर उन्होंने मुझे आज देखा होता तो बहुत खुश होते।’
फाइनल मैच में भारत ने नेपाल को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। नेपाल की टीम 20 ओवर में 114 रन बना सकी।
भारत ने 115 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आसानी से जीत हासिल की। टीम ने पहले 10 ओवर में ही 100 रन बना लिए थे।
ओपनर फुला सारेन ने 27 गेंदों में 44 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने चार चौके लगाए और मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।
करुणा के ने 27 गेंदों में 42 रन बनाकर टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत ने केवल 13 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।
यह टूर्नामेंट भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम के लिए ऐतिहासिक रहा। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुए खिताब जीता।
टूर्नामेंट के दौरान भारत ने श्रीलंका के खिलाफ शानदार शुरुआत की। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को 57 रन से हराया।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण मुकाबले में 136 रन का लक्ष्य केवल 10.2 ओवर में हासिल कर लिया। सेमीफाइनल में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को नौ विकेट से हराया।
फाइनल में नेपाल के खिलाफ एकतरफा जीत के साथ टीम ने विश्व कप पर कब्जा जमाया। यह जीत देश के लिए गर्व का क्षण थी।










