
नवी मुंबई में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया। टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहला आईसीसी विश्व कप खिताब जीता।
डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए इस मैच में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। यह भारत की तीसरी वनडे विश्व कप फाइनल में उपस्थिति थी।
क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर ने टीम को बधाई दी। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस जीत को भारतीय महिला क्रिकेट के सफर का निर्णायक पल बताया।
तेंदुलकर ने लिखा कि 1983 की जीत ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी थी। आज महिला टीम ने कुछ ऐसा ही खास किया है।
उनका मानना है कि इस जीत ने देश की अनगिनत युवा लड़कियों को प्रेरित किया है। अब वे भी बल्ला और गेंद उठाकर मैदान में उतरने का सपना देखेंगी।
मैच की बात करें तो भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। शफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा ने शानदार पारियां खेलीं।
टीम ने 50 ओवरों में 298 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह स्कोर फाइनल मैच के लिए काफी प्रतिस्पर्धी साबित हुआ।
गेंदबाजी में भी भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। शफाली वर्मा ने दो महत्वपूर्ण विकेट लिए जिनमें सुने लूस और मैरिजैन कैप शामिल थीं।
दीप्ति शर्मा ने तो पांच विकेटों की शानदार पारी खेली। उन्होंने टूर्नामेंट में 200 से ज्यादा रन बनाए और 20 विकेट लिए।
दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रनों पर ऑल आउट हो गई। दीप्ति ने आखिरी विकेट लेकर मैच का फैसला कर दिया।
शफाली वर्मा को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उनकी पारी ने भारत को जीत के लिए आवश्यक रन दिए।
दीप्ति शर्मा को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज भी रहीं।
यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक है। टीम ने आखिरकार अपना आईसीसी खिताब सूखा समाप्त किया।
पूरा देश टीम की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है। यह जीत निश्चित रूप से भारत में महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी।










