भारत में वर्ष 2024 के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) प्रवाह $28 बिलियन रहा, जो पिछले वर्ष के बराबर है, जबकि FDI आउटफ्लो यानी भारत से बाहर का निवेश बढ़कर $24 बिलियन हो गया है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड बॉडी UNCTAD (United Nations Conference on Trade and Development) की ताज़ा World Investment Report 2024 में दी गई है।
2024 में भारत विदेशी निवेश के क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभरा है। भारत एफडीआई डील की संख्या के लिहाज़ से दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल रहा है, जो देश की वैश्विक निवेशकों के बीच बढ़ती विश्वसनीयता को दर्शाता है। ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स के मामले में भी भारत चौथे स्थान पर रहा, जहां कुल 1,080 नई परियोजनाएं घोषित की गईं। वहीं, इंटरनेशनल प्रोजेक्ट फाइनेंस डील्स में भारत ने 97 डील्स के साथ पांचवां स्थान हासिल किया।
सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) जैसे सेक्टर्स में निवेश के कारण भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिला है। Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों ने भी भारत में AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए $3 बिलियन के निवेश की घोषणा की है। डेटा सेंटर्स के क्षेत्र में भी भारत ग्लोबल सौवरेन वेल्थ फंड्स की पहली पसंद बनकर उभरा है, जहां 33 डील्स के जरिए $3.5 बिलियन निवेश प्राप्त हुआ, जो वैश्विक फंडिंग का 24% हिस्सा है।
डिजिटल इकोनॉमी में भारत विकासशील देशों में शीर्ष पर रहा, जहां 2020 से 2024 के बीच कुल $114 बिलियन के प्रोजेक्ट्स घोषित किए गए, जो विकासशील देशों के कुल निवेश का 22% है। इसके साथ ही, भारत का एफडीआई आउटफ्लो भी तेजी से बढ़ा है—2023 में $14 बिलियन से बढ़कर 2024 में यह $24 बिलियन पहुंच गया। भारत अब अफ्रीकी देश Zambia में कॉपर के नए डिपॉजिट्स तक पहुंच बना रहा है, जिससे रणनीतिक संसाधनों में भी भारत की भागीदारी बढ़ रही है। साथ ही, भारतीय निवेशकों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स में 20% की वृद्धि के साथ भारत को टॉप 10 ग्लोबल इन्वेस्टर्स की सूची में शामिल कर दिया है।