India’s Semiconductor Mission: भारत का तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर क्रांतिकारी कदम

2014 में, भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा था। आज 2025 में, जो सेमीकंडक्टर सेक्टर कभी एक सपना लगता था, वह अब राष्ट्रीय मिशन बन चुका है — और यह क्षेत्र निवेश, नवाचार और रोज़गार के नए अवसरों का केंद्र बन गया है।
यह सब संभव हुआ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नेतृत्व की बदौलत, जिन्होंने भारत को सिर्फ सेमीकंडक्टर युग के लिए तैयार नहीं किया, बल्कि इसे वैश्विक लीडर बनाने की दिशा में मजबूत नींव रखी।
2021 में, India Semiconductor Mission (ISM) की शुरुआत के साथ भारत ने एक उपभोक्ता से निर्माता बनने की ओर ठोस कदम बढ़ाया। यह कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं था, बल्कि Digital India, Make in India, Startup India और Skill India जैसे कार्यक्रमों के वर्षों की मेहनत का नतीजा था।
Semiconductor Design & Engineering (डिज़ाइन और इंजीनियरिंग):
- VLSI Design Engineer – जटिल Integrated Circuits और SoC डिज़ाइन करना
- Analog & Mixed Signal Designer – एनालॉग और डिजिटल सर्किट का कॉम्बिनेशन (IoT व ऑटोमोबाइल्स में अहम)
- Physical Design Engineer – चिप का backend layout बनाना (Cadence, Synopsys जैसे टूल्स के ज़रिए)
- Verification Engineer – चिप की कार्यक्षमता और परफॉर्मेंस को सुनिश्चित करना
- FPGA Design Engineer – टेस्टिंग के लिए हार्डवेयर डिज़ाइनों का प्रोटोटाइप बनाना
Semiconductor Manufacturing & Operations (मैन्युफैक्चरिंग और ऑपरेशन्स):
- Process Engineer – वेफर निर्माण प्रक्रिया का संचालन (lithography, deposition आदि)
- Yield Enhancement Engineer – चिप की गुणवत्ता और yield को सुधारना
- Equipment Maintenance Engineer – साफ-सुथरे क्लीनरूम और मशीन टूल्स को मेंटेन करना
- Packaging & Assembly Expert – चिप पैकेजिंग के लिए नई तकनीकें विकसित करना
Research & Development (अनुसंधान एवं विकास):
- Nanoelectronics Researcher – graphene, gallium nitride जैसे भविष्य के चिप मटेरियल पर काम
- Photonics Engineer – high-speed डेटा ट्रांसफर के लिए ऑप्टिकल चिप्स का विकास
- EDA Tool Developer – भारत में बने chip design automation सॉफ़्टवेयर तैयार करना
Supply Chain & Policy Roles (सप्लाई चेन और नीति से जुड़े रोल):
- Chip Supply Chain Analyst – भारत के fab supply chain को ग्लोबल स्तर पर मॉनिटर करना
- Techno-Commercial Analyst (Fab Projects) – निवेश प्रस्तावों की viability का मूल्यांकन करना
- Policy Consultant (Semiconductor Mission) – सेमीकंडक्टर नीति निर्माण और IP rights पर सुझाव देना
- International Semiconductor Partnerships Lead – iCET, Quad जैसे tech partnerships को नेतृत्व देना
सेमीकंडक्टर्स ही आज की नई ऊर्जा हैं — स्मार्टफोन से लेकर सैटेलाइट तक हर चीज़ को शक्ति देने वाले। भारत का इस क्षेत्र में प्रवेश सिर्फ आर्थिक विकास का नहीं बल्कि टेक्नोलॉजिकल संप्रभुता (Tech Sovereignty) का संकेत है।
अब भारत इंतज़ार नहीं कर रहा — हम तैयार हैं, तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं और सेमीकंडक्टर की वैश्विक नक्शे को फिर से लिख रहे हैं।