
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें पुजारियों के लिए नए सेवा नियमों को मंजूरी दी गई।
ट्रस्ट के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि पहले पुजारियों के लिए कोई सेवा नियम नहीं थे। अब उनकी सैलरी और सेवा शर्तों में सुधार किया जाएगा।
सरकार की मंजूरी मिलने पर पुजारियों को बेहतर भुगतान और सुविधाएं मिलेंगी। इसका उद्देश्य देश भर के मंदिरों में काम करने वाले पुजारियों के लिए अच्छी स्थितियां बनाना है।
बैठक में रामेश्वरम मंदिर के साथ तीर्थ जल योजना को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत दोनों मंदिरों के बीच सहयोग बढ़ेगा।
श्री काशी विश्वालक्ष्मी माता के शक्ति पीठ जैसे महत्वपूर्ण मंदिरों के साथ औपचारिक संबंध स्थापित किए गए। सनातन धर्म के विभिन्न मंदिरों को जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
पुजारियों के अलावा श्री काशी विश्वनाथ धाम में काम करने वाले अन्य कर्मियों की सैलरी और भत्ते भी बढ़ाए जाएंगे। इससे सभी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
नियमित आगंतुक पास को नए सिरे से शुरू करने का भी फैसला लिया गया। बाहरी आगंतुकों द्वारा दुरुपयोग की शिकायतों के बाद इसे रोक दिया गया था।
अब बाहरी आगंतुकों को काशी आईडी के बिना शपथ पत्र और घोषणा पत्र जमा करना होगा। जिला प्रशासन द्वारा सत्यापन के बाद ही उन्हें यह स्थिति दी जाएगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर के विशेष क्षेत्र विकास परिषद के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किया गया। इसे एक सलाहकार निकाय के रूप में काम करने की मंजूरी दी गई।
बैठक में लिए गए सभी प्रस्तावों को लागू करने के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार है। यह मंजूरी मिलने के बाद ही नए नियम लागू होंगे।
ये सभी फैसले मंदिर के संचालन और प्रबंधन में सुधार लाने के लिए हैं। पुजारियों और कर्मचारियों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर देश के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। यहां आने वाले भक्तों और कर्मचारियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना ट्रस्ट की प्राथमिकता है।
नए नियमों से मंदिर के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही सभी हितधारकों को लाभ मिलेगा।
यह कदम मंदिर प्रबंधन में आधुनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।