
पटना (बिहार) 3 अगस्त। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता किसानों का कल्याण है। पटना में किसानों, अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की सभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना की मदद से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सहायता सीधे किसानों के खातों में पहुंचे।
कृषि मंत्री ने कहा कि पहले सरकार द्वारा भेजे गए 1 रुपये में से किसानों को कुछ पैसे ही मिल पाते थे, लेकिन अब वे पूरी राशि बिना किसी रुकावट के प्राप्त कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेती को लाभदायक बनाने के संकल्प को दोहराया। पीएम किसान योजना के तहत अब तक 3,77,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई है। इस अवसर पर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में जमा की गई, जिससे देश भर के लाखों किसान परिवारों को वित्तीय सहायता मिली।
चौहान ने प्रधानमंत्री धन धन्य योजना जैसे प्रयासों पर जोर दिया ताकि कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादकता बढ़ाई जा सके। उन्होंने बिहार में मखाना उत्पादन के महत्वपूर्ण योगदान और कृषि विज्ञान को खेतों से जोड़ने के निरंतर प्रयासों को रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री ने उर्वरकों और कीटनाशकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने फसल विफलता की स्थिति में मुआवजा प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाता है, जिसमें उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़ा जाता है। यह सरकार के किसान केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
किसान कल्याण के उपायों को उजागर करते हुए चौहान ने कहा कि डीबीटी की मदद से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सहायता सीधे किसानों के खातों में पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सरकार द्वारा भेजे गए 1 रुपये में से किसानों को कुछ पैसे ही मिल पाते थे, लेकिन अब वे पूरी राशि बिना किसी रुकावट के प्राप्त कर रहे हैं।
एएनआई के अनुसार, यह खबर उनके स्टाफ द्वारा सत्यापित और लिखी गई है। एएनआई दक्षिण एशिया की प्रमुख मल्टीमीडिया समाचार एजेंसी है जिसके भारत, दक्षिण एशिया और दुनिया भर में 100 से अधिक ब्यूरो हैं।