
पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुकेश सहानी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पांच साल बाद महागठबंधन की इस बैठक में उनकी भूमिका पूरी तरह बदल चुकी है।
वर्ष 2020 के चुनाव से पहले सहानी ने आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव और आरजेडी ने उनके साथ धोखा किया। सीट बंटवारे में उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया था।
लेकिन अब स्थिति बदल गई है। गुरुवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हें INDIA गठबंधन का उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया।
2020 में महागठबंधन छोड़ने के बाद सहानी ने एनडीए के साथ चुनाव लड़ा। भाजपा ने उनकी पार्टी VIP को 11 सीटें आवंटित की थीं।
इन चुनावों में VIP पार्टी को चार सीटों पर जीत मिली। हालांकि मुकेश सहानी खुद अपनी सीट हार गए थे।
चुनाव हारने के बावजूद सहानी को मंत्री पद दिया गया। उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया ताकि वे मंत्री पद पर बने रह सकें।
सहानी और भाजपा के रिश्ते 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले खराब होने लगे। सहानी को उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें पूर्वी UP में कुछ सीटें देगी।
इस क्षेत्र में निषाद समुदाय की अच्छी खासी आबादी है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ गठबंधन को प्राथमिकता दी।
इसके बाद सहानी ने UP चुनाव में अपने 56 उम्मीदवार खड़े किए। उन्होंने घोषणा की कि वे 2022 में योगी आदित्यनाथ और 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटा देंगे।
लेकिन उनकी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। एक को छोड़कर सभी उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई। VIP पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी।
सहानी की इस हिमाकत से भाजपा नाराज हो गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2022 में उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश की।
सहानी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि 2020 के चुनाव में भाजपा को 74 सीटें दिलाने में उनकी पार्टी का योगदान महत्वपूर्ण था।
2024 के लोकसभा चुनाव में VIP पार्टी ने INDIA गठबंधन के साथ तीन सीटों पर चुनाव लड़ा। लेकिन वे एक भी सीट नहीं जीत सके।
दिलचस्प बात यह है कि मुकेश सहानी खुद कभी कोई चुनाव नहीं जीत पाए हैं। फिर भी उनकी राजनीतिक अहमियत बरकरार है।
सहानी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वे आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए।
सहानी के INDIA गठबंधन में बने रहने से विपक्षी गठबंधन को EBC वोट बैंक में दखल बढ़ाने की उम्मीद है। EBC राज्य के 30 प्रतिशत मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
2023 की जाति आधारित जनगणना के मुताबिक निषाद समुदाय EBC का 9.6 प्रतिशत हिस्सा है। सहानी जिस मल्लाह उपजाति से आते हैं, वह राज्य की 2.6 प्रतिशत आबादी है।
निषाद समुदाय में मल्लाह के अलावा बिंद, मांझी, केवट और तुरहा समूह शामिल हैं। इन्हें अक्सर फ्लोटिंग वोटर्स माना जाता है।
ये समुदाय उत्तरी बिहार के नदी तटीय इलाकों में रहते हैं। कड़े मुकाबले वाले चुनावों में ये मतदाता मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, खगड़िया, वैशाली और अन्य जिलों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
मुकेश सहानी की राजनीतिक यात्रा बॉलीवुड से बिहार की सियासत तक फैली हुई है। सेट डिजाइनर से राजनीतिज्ञ बने सहानी ने अपनी रणनीतिक स्थिति बनाए रखी है।



