
कोलकाता, 15 जुलाई (एएनआई)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि NITI Aayog ने राज्य के प्रमुख सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर मजबूत प्रदर्शन को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी है, खासकर रोजगार के क्षेत्र में।
ममता बनर्जी ने बताया कि NITI Aayog की नई रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल की शिक्षा दर, जीवन प्रत्याशा, लिंग अनुपात जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक स्थिति को भी उजागर किया गया है।
सीएम ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में जानकारी साझा करते हुए कहा कि राज्य में बेरोजगारी दर सिर्फ 2.2 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 3.2 प्रतिशत से 30 प्रतिशत कम है।
रिपोर्ट में उल्लेखित अन्य सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य की साक्षरता दर 76.3 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 73 प्रतिशत (2011 के अनुसार) से अधिक है।
लिंगानुपात के मामले में पश्चिम बंगाल ने 973 महिलाएं प्रति 1000 पुरुषों के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 889 है।
राज्य की शिशु मृत्यु दर 19 प्रति 1000 जीवित जन्म (2020) और कुल प्रजनन दर 1.6 बच्चे प्रति महिला (2019 21) है, जो देश के औसत से बेहतर है।
शिक्षा के क्षेत्र में राज्य ने स्कूल ड्रॉपआउट दर में कमी और कक्षा 10 व 12 में राष्ट्रीय औसत से अधिक पास प्रतिशत हासिल किया है।
जीवन स्तर में सुधार को लेकर रिपोर्ट में पेयजल तक घरेलू पहुंच को राष्ट्रीय औसत से बेहतर बताया गया है।
ममता बनर्जी ने कहा कि ये उपलब्धियां पश्चिम बंगाल के समावेशी और सतत विकास के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं।
हालांकि, पश्चिम बंगाल की सीएम ने दिल्ली में हुई पिछली NITI Aayog बैठक को छोड़ दिया था और वह इस पॉलिसी थिंक टैंक की आलोचक रही हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने NITI Aayog की एक रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल के स्थान पर बिहार को दिखाए जाने की गलती पर नाराजगी जताई थी।