One Nation One Election Bill को दी मंजूरी: चुनाव सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम
Union Cabinet ने ‘One Nation, One Election’ के तहत जरूरी बिलों को मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य लोकसभा, राज्य विधानसभा और भविष्य में नगर निकायों के चुनावों को एक साथ कराना है। ये बिल, जिनमें संविधान के पांच प्रमुख अनुच्छेदों में संशोधन किया जाएगा, शीतकालीन सत्र में पेश किए जाएंगे।
Key Highlights:One Nation one election
Constitutional Amendments:
Article 82 में संशोधन: यह लोकसभा सीटों के राज्यवार आवंटन और हर जनगणना के बाद निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण से जुड़ा है।लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल और भंग करने की प्रक्रियाओं को एकसमान करने के लिए प्रावधान।
Union Territories की Legislative Assemblies:
पुडुचेरी, दिल्ली, और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं को राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के साथ संरेखित किया जाएगा।
Local Body Elections:
Municipal और Panchayat elections को भी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ कराने के लिए राज्यों की 50% मंजूरी जरूरी होगी।
Public Support और Economic Impact
‘One Nation, One Election’ को लेकर जनता में बड़ा समर्थन देखा गया है। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, 21,000 सुझावों में से 81% लोगों ने इसका समर्थन किया है। Economists का मानना है कि इस पहल से GDP में 1–1.5% की बढ़ोतरी और चुनावी खर्चों में भारी कमी हो सकती है।
Ram Nath Kovind का समर्थन
Former President रामनाथ कोविंद, जो इस पैनल के प्रमुख हैं, ने सरकार और राज्यों से मिलकर सहमति बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा, “यह किसी पार्टी विशेष का मुद्दा नहीं है… यह पूरे देश के लिए है। यह एक गेम-चेंजर साबित होगा।”
Cabinet की मंजूरी के बाद, अब इन बिलों को संसद में पेश किया जाएगा। यदि ये पास हो जाते हैं, तो यह पहल भारत के चुनावी ढांचे में एक ऐतिहासिक बदलाव ला सकती है।