
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 15 सितंबर को बिहार के दौरे पर हैं। इस दौरान वह राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का उद्घाटन करेंगे और पूर्णिया एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन को लॉन्च करेंगे। साथ ही वह 36,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की घोषणा केंद्रीय बजट 2025 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, विपणन और निर्यात प्रोत्साहन में सुधार लाना है।
बोर्ड की संरचना में एक अध्यक्ष शामिल होंगे, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। सचिव और पांच सदस्य होंगे जो कृषि, ग्रामीण विकास, वाणिज्य, खाद्य प्रसंस्करण और एमएसएमई मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
तीन सदस्य मखाना उत्पादकों का प्रतिनिधित्व करेंगे और दो सदस्य मखाना प्रोसेसर या निर्यातकों के होंगे। इन सभी की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
बोर्ड में बिहार के कृषि उत्पादन आयुक्त और अन्य मखाना उत्पादक राज्यों के दो अधिकारी भी शामिल होंगे। आईसीएआर-नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर मखाना, दरभंगा के निदेशक भी बोर्ड का हिस्सा बनेंगे।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट के निदेशक और आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट-हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लुधियाना के निदेशक भी बोर्ड में शामिल होंगे।
नाबार्ड के अध्यक्ष और बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के कुलपति भी बोर्ड के सदस्य होंगे। अध्यक्ष और गैर-सरकारी सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष का होगा। बोर्ड प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कम से कम दो बैठकें आयोजित करेगा।
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं। इनमें मखाना में उत्पादन और नई तकनीक के विकास को बढ़ावा देना शामिल है। पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन को मजबूत करना भी एक प्रमुख लक्ष्य है।
मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करना बोर्ड की प्राथमिकताओं में शामिल है। बाजार, निर्यात और ब्रांड विकास को सुविधाजनक बनाना भी उद्देश्यों में शामिल है।
वैज्ञानिक प्रगति और आधुनिक तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देना बोर्ड का लक्ष्य है। किसानों, एफपीओ और अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण प्रदान करना भी शामिल है।
सरकारी एजेंसियों, शोध संस्थानों, निजी क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना बोर्ड का उद्देश्य है। बोर्ड किसानों के लाभ के लिए अन्य सरकारी योजनाओं के साथ समन्वय भी करेगा।
वित्त के मामले में बोर्ड अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक वार्षिक योजना तैयार करेगा। इसे केंद्र सरकार से स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। केंद्र सरकार बोर्ड के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक अनुदान प्रदान कर सकती है।
गैर-सरकारी सदस्यों के यात्रा भत्ते और दैनिक भत्ते व्यय विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार निर्धारित किए जाएंगे। यह बोर्ड मखाना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों के लिए 243 सीटों पर मतदान होगा। चुनाव आयोग अगले कुछ हफ्तों में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
पीएम मोदी का यह दौरा राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मखाना बोर्ड की स्थापना से किसानों को काफी फायदा होने की उम्मीद है।
यह बोर्ड मखाना की खेती को और अधिक लाभदायक बनाने में मदद करेगा। निर्यात बढ़ाने और वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने में भी यह सहायक होगा।
पूर्णिया एयरपोर्ट का नया टर्मिनल क्षेत्र के connectivity को बेहतर बनाएगा। यह पर्यटन और व्यापार दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
36,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी। इनसे रोजगार के नए अवसर पैदा होने की भी उम्मीद है।