
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी से चार नई Vande Bharat एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। यह कदम रेलवे क्षेत्र के लिए एक बड़ा बढ़ावा साबित होगा। ये नई ट्रेनें देश के प्रमुख हिस्सों को आपस में जोड़ेंगी।
नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु मार्गों पर चलेंगी। ये ट्रेनें प्रमुख गंतव्यों के बीच यात्रा के समय में उल्लेखनीय कमी लाएंगी। इससे क्षेत्रीय गतिशीलता बढ़ेगी और पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
बनारस-खजुराहो वंदे भारत इस मार्ग पर सीधी कनेक्टिविटी स्थापित करेगी। यह मौजूदा विशेष ट्रेनों की तुलना में लगभग 2 घंटे 40 मिनट की बचत करेगी।
यह वंदे भारत एक्सप्रेस भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ेगी। इनमें वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो शामिल हैं।
यह कनेक्शन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को मजबूत करेगा। बल्कि तीर्थयात्रियों और यात्रियों को खजुराहो की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल तक तेज, आधुनिक और आरामदायक यात्रा प्रदान करेगा।
लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत यात्रा को लगभग 7 घंटे 45 मिनट में पूरा करेगी। इससे यात्रा के समय में लगभग 1 घंटे की बचत होगी।
यह वंदे भारत एक्सप्रेस लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर के यात्रियों को लाभान्वित करेगी। साथ ही रुड़की के माध्यम से हरिद्वार तक पहुंच में सुधार करेगी।
केंद्रीय और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शहरों के बीच यात्रा को सुगम और तेज बनाकर यह सेवा कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत इस मार्ग पर सबसे तेज ट्रेन होगी। यह यात्रा को केवल 6 घंटे 40 मिनट में पूरा करेगी।
यह वंदे भारत एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजधानी और पंजाब के प्रमुख शहरों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। इनमें फिरोजपुर, बठिंडा और पटियाला शामिल हैं।
इस ट्रेन से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देगी और राष्ट्रीय बाजारों के साथ एकीकरण को बढ़ाएगी।
दक्षिण भारत में, एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत यात्रा के समय में 2 घंटे से अधिक की कमी लाएगी। यह यात्रा को 8 घंटे 40 मिनट में पूरा करेगी।
यह वंदे भारत एक्सप्रेस प्रमुख आईटी और वाणिज्यिक केंद्रों को जोड़ेगी। यह पेशेवरों, छात्रों और पर्यटकों के लिए तेज और अधिक आरामदायक यात्रा विकल्प प्रदान करेगी।
यह मार्ग केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच अधिक आर्थिक गतिविधि और पर्यटन को बढ़ावा देगा। इससे क्षेत्रीय विकास और सहयोग को समर्थन मिलेगा।
इन चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के शुरू होने से देश भर में यात्रा का अनुभव बदल जाएगा। यह रेलवे आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।









