
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। यह उनके दो दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे के दूसरे दिन का प्रमुख आयोजन था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर को स्वास्थ्य और संस्कृति के क्षेत्र में “नए युग की शुरुआत” बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में यह विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य का प्रमुख केंद्र बनेगा।
पिपरी भाठट क्षेत्र में 268 करोड़ रुपये की लागत से बने इस विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति ने सुबह 11.30 बजे उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर यूपी के आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्रा दयालु, सांसद रवि किशन शुक्ल सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
योगी आदित्यनाथ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ जी की पावन भूमि पर आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन स्वास्थ्य सेवाओं में नए युग की शुरुआत है।”
गोरखपीठ के पीठाधीश्वर योगी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय मूल्य आधारित नवाचार, कौशल विकास और चरित्र निर्माण का गतिशील केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि गोरखपुर की पवित्र भूमि अब ‘आरोग्यधाम-ज्ञानधाम’ के रूप में ‘विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश’ के सपने को साकार करने की ओर अग्रसर है।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय परिसर में अकादमिक भवन, ऑडिटोरियम, पंचकर्म इकाई का उद्घाटन किया और साथ ही सोनबरसा स्थित परिसर में छात्रावास का शिलान्यास भी किया।
यह उत्तर प्रदेश की पहली आयुष यूनिवर्सिटी है जिसे राज्य सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया है। विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) की शिक्षा दी जाएगी।